सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके में एक बाइक तेजी से भागी जा रही थी. बाइक की आवाज काफी कर्कश थी. बाइक मैं माॅडिफाइड साइलेंसर लगा हुआ था, जिससे ध्वनि काफी कर्कश हो गई थी. आसपास से गुजर रहे लोग बाइक की ध्वनि सुनते ही एकदम से घबरा जाते थे. यह बाइक जब सिलीगुड़ी जंक्शन से होते हुए मल्लागुड़ी की तरफ जाने लगी, तभी सिलीगुड़ी जंक्शन ट्रेफिक गार्ड के एक ट्रैफिक पुलिस की नजर बाइक पर पड़ी. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ने गाड़ी रूकवाई और बाइक चालक पर चालान की तैयारी करने लगा. क्योंकि उक्त बाइक में माॅडिफाइड साइलेंसर लगवाया गया था, जो कि मोटर वाहन अधिनियम के नियमों और निर्देशों के खिलाफ था.
किसी समय घर घर में साइकिल होती थी. बाजार या कहीं आने-जाने के लिए लोग साइकिल की सवारी करते थे. युग बदला. साइकिल की जगह बाइक और स्कूटर ने ले ली.आज घर-घर में बाइक या स्कूटर जरूर देख सकते हैं. नौजवानों के मिजाज और शौक को ध्यान में रखकर बहुत सी कंपनियां बाइक में कई तरह के बदलाव ला रही हैं. आजकल स्पोर्ट्स बाइक की डिमांड ज्यादा देखी जा रही है. अगर आप ऐसी बाइक के आसपास से गुजरेंगे तो कर्कश आवाज सुनकर एकदम से घबरा जाएंगे. ऐसी बाइक की आवाज काफी तेज और कर्कश होती है.
बहुत से नौजवान अपनी बाइक के साइलेंसर की आवाज को तेज करा देते हैं. वे अपने शौक को पूरा करने के लिए अथवा अनुभूति के लिए साइलेंसर की आवाज स्पोर्ट्स बाइक जैसी करा देते हैं. इससे उनका शौक तो पूरा हो जाता है. लेकिन ऐसी कर्कश ध्वनि सुनकर राहगीरों का संतुलन गड़बड़ा जाता है. मोटर वाहन कानून में यह अपराध भी है. मोटरसाइकिल की साइलेंसर को लेकर कई कानून हैं. आप मनमाने तरीके से साइलेंसर की आवाज नहीं बढा सकते हैं. अगर कोई बाइक के साइलेंसर में बदलाव करके उसे तेज आवाज कराता है तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है.
इसके लिए जुर्माना या जेल या दोनों सजा हो सकती है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत वाहन की आवाज़ बढ़ाने वाले माॅडिफिकेशन गैरकानूनी है. माॅडिफाइड साइलेंसर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है. नियम एवं कानून के अनुसार एक बाइक या कार के चलने के दौरान 80 डेसीबल से ज्यादा आवाज नहीं निकलनी चाहिए. लेकिन माॅडिफाइड साइलेंसर बदलने से 120 डेसिबल से ज्यादा की कठोर ध्वनि निकलती है, जो पूरी तरह गैरकानूनी है. इसके लिए पुलिस आपको चालान कर सकती है. अगर चेतावनी या जुर्माना भरने के बाद भी आप दोबारा ऐसा करते हैं तो दूसरी बार में ट्रैफिक पुलिस आपके खिलाफ नियमों का उल्लंघन मानते हुए आपका ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करा सकती है.
सिलीगुड़ी में पहले भी माॅडिफाइड साइलेंसर वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसे वाहन चलाने वाले लोगों ने इससे कोई सबक नहीं लिया है. अगर ऐसा नहीं होता तो आज पहले से ज्यादा मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक सिलीगुड़ी की सड़कों पर दौड़ नहीं रही होती. अब एक बार फिर से सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के तहत विभिन्न ट्रैफिक गार्ड के द्वारा मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक की धड पकड़ शुरू हो गई है. इन दिनों मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक को सड़कों पर सरपट दौड़ते भागते देख सकते हैं.
ऐसे लोग खासकर उस समय का चुनाव करते हैं, जब ट्रैफिक पुलिस नहीं होती. रात या सुबह के समय या फिर सुनसान सड़कों पर स्पोर्ट्स बाइक पर अपना करतब दिखाते बहुत से नौजवान मिल जाएंगे. इससे राह चलते लोगों को काफी परेशानी होती है. लेकिन उन्हें जैसे इससे कोई लेना-देना नहीं होता है. बाइक चालकों को लगता है कि उनका शौक पूरा हो रहा है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया है और मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक की धर पकड़ तेज कर दी है. ट्रैफिक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक के खिलाफ एक व्यापक कदम उठाए और बाइक चालकों को किसी भी तरह से राहत नहीं दे. जिस तरह से सिलीगुड़ी जंक्शन ट्रेफिक गार्ड की ओर से कार्रवाई की गई है, इसी तरह से सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत सभी ट्रैफिक गार्ड्स के द्वारा इसी तरह की कार्रवाई करने की जरूरत है.