नए साल की पूर्व संध्या पर भारतीय रेलवे ने रेल यात्रियों को एक और झटका दे दिया है. जुलाई में लगा झटका दिसंबर में डबल झटका हो गया है. मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों के अलावा जिन रेल गाड़ियों का किराया बढा है, उनमें राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, हमसफर, अमृत भारत ,महामना एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, अंत्योदय, जनशताब्दी एक्सप्रेस, युवा एक्सप्रेस, एसी विस्तादोम कोच, अनुभूति कोच आदि शामिल हैं. वंदे भारत और राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों का भी किराया बढ़ाया जा रहा है.
यह पहला मौका है, जब भारतीय रेलवे ने एक साल में दूसरी बार रेल किराया बढ़ाया है. अगर आप सिलीगुड़ी अथवा एनजेपी स्टेशन से कोलकाता, दिल्ली, मुंबई अथवा दक्षिण भारतीय शहरों में जाना चाहते हैं तो आपको अपनी जेब पहले से अधिक ढीली करनी होगी. क्योंकि दूर की रेल यात्रा महंगी हो गई है. कम से कम ₹10 से लेकर ₹20 तक का बोझ आपकी जेब पर बढ़ने वाला है. यह जीएसटी दरों के साथ ₹20 से लेकर ₹40 तक हो सकता है.
भारतीय रेलवे इसी महीने 26 दिसंबर से रेल किराया महंगा कर रहा है. अगर आप 215 किलोमीटर से अधिक की दूरी की यात्रा करना चाहते हैं तो आपकी जेब पर असर पड़ने वाला है. जबकि 215 किलोमीटर से पहले तक की यात्रा पर पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने वाला है. सवाल यह उठ रहा है कि भारतीय रेलवे ने 1 साल में दूसरी बार यह किराया बढ़ाया है.
इससे पहले इसी साल 1 जुलाई को भारतीय रेलवे ने किराया बढ़ाया था, तब उस समय सेकंड क्लास, स्लीपर, नॉन एसी, फर्स्ट क्लास किराए में प्रति किलोमीटर आधा पैसे की बढ़ोतरी की गई थी. इस बार किराया कुछ ज्यादा ही डबल बढ़ा दिया गया है. साधारण श्रेणी में 215 किलोमीटर से अधिक यात्रा पर एक पैसा प्रति किलोमीटर, जबकि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की नॉन एसी और ए सी श्रेणियों में दो पैसे प्रति किलोमीटर भाड़ा बढाया गया है.
अगर आप एनजेपी से कोलकाता अथवा दिल्ली जाना चाहते हैं तो आपको टिकट पर कम से कम ₹10 और अधिकतम 20 से ₹35 तक अतिरिक्त देने पड़ सकते हैं. बढ़ा हुआ रेल किराया उन लोगों के लिए लागू नहीं होगा, जो उप नगरीय ट्रेनों और मासिक सीजन टिकट लेकर यात्रा करते हैं. यानी कि दैनिक यात्री, नौकरी पेशेवर और स्थानीय कारोबारी के लिए रेलवे का बढा हुआ किराया लागू नहीं होगा.
इस वृद्धि से रेलवे को 31 मार्च 2026 तक 600 करोड रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. रेल किराए में 1 साल में दूसरी बार वृद्धि को लेकर भारतीय रेलवे ने तर्क दिया है कि रेलवे के द्वारा नेटवर्क का विस्तार, नई लाइनों को बिछाया जाना, ट्रेनों की सुरक्षा के उपाय आदि में बड़ा निवेश हुआ है. इसके अलावा रेलवे में कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि की गई है, जिससे लागत बढी है. अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए ही रेलवे ने यात्री किराए में बढ़ोतरी की है. आप रेलवे के इस तर्क से की स्तर से कितने संतुष्ट हैं, जरूर बताइएगा.

