December 5, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी से पहाड़ जाने वाले सभी रास्तों को रोकेंगे समतल के चालक!

सिक्किम ने तो पहले ही समतल की गाड़ियां रोक दी हैं और अब दार्जिलिंग भी वही कर रहा है. यह आरोप समतल और Dooars के चालक संगठनों का है. उन्होंने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है. चालक संगठनों ने जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और पर्यटन विभाग से तुरंत कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर एक-दो दिन में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सभी समतल और Dooars के चालक संगठन मिलकर सड़क पर उतरेंगे.

इन दिनों समतल और पहाड़ के चालकों के बीच दूरियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. कुछ समय पहले तक पहाड़ के टैक्सी चालकों के साथ समतल सिलीगुड़ी में जो कुछ हुआ, अब शायद उसका बदला पहाड़ में समतल के चालकों के साथ लिया जा रहा है. आरोप तो यह भी है कि पुलिस के सामने ही समतल के चालकों के साथ पहाड़ के चालक बदतमीजी करते हैं. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रह जाती है.

आरोप है कि पिछले काफी समय से समतल के टैक्सी चालकों को पहाड़ में परेशान किया जा रहा है. लेकिन प्रशासन इसका संज्ञान नहीं ले रहा. समतल के टैक्सी चालकों ने कई बार सिलीगुड़ी और पहाड़ के स्थानीय प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन उनकी फरियाद पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. बार-बार प्रशासन की उपेक्षा के बाद समतल और Dooars के टैक्सी चालक एकजुट हो रहे हैं और अब उन्होंने कानून हाथ में लेने का फैसला कर लिया है. उनका कहना है कि या तो प्रशासन वस्तु स्थिति पर ध्यान दे या फिर वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

तराई DOOARS क्षेत्र के 9 टैक्सी संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो सिलीगुड़ी से पहाड़ जाने वाले सभी रास्तों को वे बंद कर देंगे. सूत्र बताते हैं कि समतल के टैक्सी चालक इन दिनों काफी परेशान हैं. एक तो ठंड के दिनों मे उन्हें पहाड़ के लिए भाड़ा कम मिल रहा है और अगर उन्हें भाड़ा मिल भी जाता है तो पहाड़ पर जाते ही उनके साथ वहां के ड्राइवर अत्याचार करने लगते हैं. उनकी गाड़ी को पार्क भी नहीं करने दिया जाता है.

वे अपनी टैक्सी को होटल तक नहीं ले जा सकते हैं और ना ही पर्यटक को सीधे पर्यटक स्थल पर ले जा सकते हैं. उनकी हालत काफी खराब है. सिलीगुड़ी से पर्यटक को गाड़ी में बिठाने के बाद पर्यटक को गंतव्य तक छोड़ने की बात होती है. लेकिन जब उनकी गाड़ी पहाड़ में जाती है तो स्थानीय ड्राइवर उनकी गाड़ी को आगे बढ़ने नहीं देते हैं और जबरन पर्यटक को उनकी गाड़ी से उतार लेते हैं और अपनी गाड़ी से ही पर्यटकों को होटल अथवा गंतव्य स्थल ले जाते हैं.

पुलिस यह सब देखती रहती है. लेकिन वह भी उनका कोई सहयोग नहीं करती. उनकी इच्छा होती है कि वे पर्यटकों को गंतव्य स्थान तक ले जाएं ताकि उन्हें अच्छी कमाई हो सके. समतल के सभी टैक्सी संगठन जातीयतावादी टैक्सी ड्राइवर संगठन के बैनर तले एकत्र हो रहे हैं और भविष्य में आंदोलन करने की रूपरेखा बना रहे हैं. संगठन का आरोप है कि समतल की कोई गाड़ी पर्यटकों को लेकर पेशोक ,लोपचू , टाइगर हिल, घूम या दार्जिलिंग की ओर जाती है. कुछ स्थानीय टैक्सी चालक और असामाजिक तत्व उन्हें रोक देते हैं. उनकी गाड़ियों को पार्किंग की जगह भी नहीं दी जाती है. कई बार तो पर्यटकों के सामने ही चालकों को पीट दिया जाता है.

समतल के चालकों का कहना है कि उनके पास आल बंगाल टूरिस्ट परमिट होता है. इसके अलावा सभी कागजात और टैक्स भी जमा होते हैं. फिर भी उन्हें परेशान किया जाता है. जब वे विरोध करते हैं तो वे पुलिस के साथ मिलकर उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करा देते हैं.यह सब कुछ पुलिस जानती है. लेकिन फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती. टैक्सी चालकों का कहना है कि यह सब कुछ स्थानीय टैक्सी माफिया कर रहे हैं, जो बाहर की गाड़ियों से अपना हिस्सा छिनता हुआ देख रहे हैं. इसके कारण पहाड़ का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित हो रहा है.

अधिकतर पर्यटक सिलीगुड़ी, बागडोगरा अथवा एनजेपी से ही गाड़ी बुक कर पहाड़ जाते हैं. अगर उन्हें बीच में उतार दिया जाएगा अथवा उन्हें परेशान किया जाएगा तो वह उनकी गाड़ी में क्यों आएंगे. ऐसे पर्यटकों से जबरन पहाड़ में ज्यादा भाड़ा वसूला जाता है. यह स्थिति सिक्किम और दार्जिलिंग के पर्यटन कारोबार को प्रभावित करती है. एनजेपी टैक्सी यूनियन के साथ जातीयता वादी टैक्सी यूनियन भी पहाड़ के माफिया तथा गुंडे टैक्सी चालकों के व्यवहार पर नाराज है और पुलिस की उदासीनता पर दुख और क्षोभ जता रहा है. जातीयता वादी टैक्सी यूनियन के सचिव महबूब आलम ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमें आंदोलन पर मजबूर होना पड़ेगा.

दिसंबर जनवरी का पीक सीजन चल रहा है. ऐसे में यह विवाद जितना लंबा खिंचेगा, पहाड़ के होटल, पर्यटन, अर्थव्यवस्था को उतना ही ज्यादा नुकसान होगा. ऐसे में प्रशासन को जल्द ही समतल और पहाड़ ड्राइवर एकता और समन्वय की बात करनी चाहिए.

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