शादी विवाह का मौसम है. बिहार के ग्रामीण इलाकों में मई-जून के महीनों में अधिकतर शादी विवाह होते हैं. जबकि शहरों में लोग नवंबर दिसंबर अथवा सर्दी के दिनों में शादी विवाह करना पसंद करते हैं. यूं तो सिलीगुड़ी में वर्तमान में कम शहनाइयां बजती देखी जा रही हैं, परंतु इसके ठीक विपरीत बिहार में इस समय शादी विवाह की खूब धूम देखी जा रही है. सिलीगुड़ी में बिहार से आकर बसे लोग अपने स्वजन परिजन की शादी में बिहार जा रहे हैं. यही कारण है कि एनजेपी से बिहार जाने वाली रेल गाड़ियों में भीड़ भाड़ कुछ ज्यादा ही देखी जा रही है. यही हाल सिलीगुड़ी से बिहार जाने वाली बसों का भी है.
हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि बसों तथा रेलगाड़ियों में बढती भीड़ का कारण केवल शादी विवाह नहीं है बल्कि स्कूलों में छुट्टियां पड़ गई हैं. गर्मी में काम धंधे में भी मंदी आ जाती है. ऐसे में दिहाडी- मजदूर, श्रमिक अथवा दुकानों में काम करने वाले लोग सब परिवार इसी मौसम में घर जाना पसंद करते हैं. एक तो उनका घूमना फिरना हो जाता है. दूसरे में किसी ना किसी रिश्ते में शादी विवाह भी होता है. वे अपने रिश्तेदारों की शादी में भी शामिल हो जाते हैं.
सिलीगुड़ी और बिहार के विभिन्न शहरों में नियमित रूप से रोजाना चलने वाली 1 दर्जन से अधिक बसे हैं. जबसे लगन शुरू हुआ है, बस वाले चांदी काट रहे हैं. ट्रेन में टिकट नहीं मिलने के बाद बसों में लगातार भीड़ बढ़ रही है. पिछले कुछ समय से स्थिति यह है कि अनेक बस मालिकों ने नियमित बसों के अलावा अतिरिक्त बसों को रवाना करना शुरू कर दिया है. इन बसों में टिकटों की बुकिंग हफ्ता पूर्व से ही शुरू हो जाती है. सिलीगुड़ी से बिहार जाने वाली अधिकतर बसें स्लीपर श्रेणी की होती है.स्लीपर की टिकट के लिए 1 माह पूर्व से ही बुकिंग होने लगती है.
लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए मुख्य रूप से दो साधन होते हैं. एक तो रेल के द्वारा तथा दूसरे में बस के द्वारा आप यात्रा कर सकते हैं. अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो ट्रेन में सीट कंफर्म करना टेढ़ी खीर है. बिहार जाने वाली रेलगाड़ियों में वेटिंग चल रही है. लिहाजा अनेक यात्री बसों से यात्रा कर रहे हैं.जिस कारण से बसों में भी भीड़ भाड़ देखी जा रही है.बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़भाड़ को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए तीन स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है.
रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने 05609 संख्या ट्रेन सिलचर से गोरखपुर तक चलाने का फैसला किया है. यह विशेष रेलगाड़ी कल सिलचर से शाम 6:45 पर गोरखपुर के लिए रवाना हुई. यह विशेष रेलगाड़ी न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन होते हुए बिहार के कई स्टेशनों जैसे बरौनी, हाजीपुर, छपरा होते हुए गोरखपुर तक जाएगी. यह रेलगाड़ी शनिवार को शाम 5:45 पर गोरखपुर पहुंचेगी.
इसी तरह से भारतीय रेलवे ने अगरतला से गया के लिए विशेष ट्रेन संख्या 05610 चलाने का फैसला किया है. यह रेलगाड़ी कल अगरतला से रात्रि 10:00 बजे रवाना हुई और एनजेपी, मालदा, भागलपुर होते हुए आज रात्रि 11:30 पर गया पहुंचेगी. 26 मई यानी आज भी एक विशेष रेलगाड़ी 05650 गुवाहाटी से पुणे के लिए प्रस्थान करेगी. यह विशेष रेलगाड़ी गुवाहाटी से रात्रि 8:40 पर पुणे के लिए रवाना होगी और न्यू जलपाईगुड़ी होते हुए बिहार के कई स्टेशन स्टेशनों से गुजरेगी. उक्त ट्रेन रविवार को शाम 6:20 पर पुणे पहुंचेगी.
इस तरह से ट्रेनों में यात्रियों की बढ़ रही भीड़ भाड़ को कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया है. परंतु लगता नहीं है कि इससे यात्रियों की भीड़ भाड़ में कमी आएगी. जिस तरह से एनजेपी स्टेशन और सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित बिहार जाने वाली बस टर्मिनस पर यात्रियों की भीड़ भाड़ देखी जा रही है, उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस समय ट्रेनों के साथ-साथ बस वाले भी चांदी काट रहे है. किराए को लेकर यात्रियों को फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि उन्हें अपने गांव, शहर जाना होता है. यही कारण है कि ट्रेन के किराए से 3 गुना 4 गुना अधिक किराया बसों में देकर यात्री अपने गांव या शहर जा रहे हैं.