सिलीगुड़ी समेत पूरे प्रदेश में ऑनलाइन लॉटरी व्यवसाय पर प्रतिबंध है. लेकिन इसके बावजूद कई वेबसाइट चोरी छिपे चल रही है, जहां अवैध रूप से सट्टा और लॉटरी का धंधा होता है. समय-समय पर पुलिस की कार्यवाही से ऐसे धंधों का पर्दाफाश होता है. और जब पुलिस की सख्ती होती है तो कुछ समय के लिए फर्जी वेबसाइट का खेल बंद हो जाता है. लेकिन कुछ समय के बाद दूसरी फर्जी साइट अन्य नाम से शुरू कर दी जाती है.
अगर पुलिस चाहे तो कोई भी अवैध धंधा नहीं चल सकता है. इसके लिए पुलिस और कानून को सख्ती के साथ-साथ दृढ इच्छा शक्ति भी दिखानी होती है. कुछ पुलिस वाले ऐसे भी होते हैं जो किसी कार्य को चुनौती के रूप में लेते हैं और दृढ इच्छा शक्ति के साथ उसे पूरा करके दिखाते भी हैं. ऐसे ही पुलिस अधिकारियों में एक नाम अजीत सिंह यादव का भी है, जो डायरेक्टरेट ऑफ़ इकोनामिक ऑफेंस विंग में SP के पद पर कार्यरत हैं .जब हावड़ा थाने में एक फर्जी लॉटरी वेबसाइट ‘कोलकाता फटाफट’ नाम से सक्रिय होने की शिकायत दर्ज हुई तो इस मामले की जांच का कार्य DEO के एसपी अजीत सिंह यादव ने संभाला.
एसपी अजीत सिंह यादव ने सट्टे और लॉटरी से कई घर तबाह होते और युवाओं को बर्बाद होते देखा था. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को एक चुनौती के रूप में स्वीकार की और ऑनलाइन लॉटरी व्यवसाय का खेल पूरी तरह बंद करने के लिए एक ऑपरेशन को संचालित किया. उन्होंने इसके लिए एक टीम का गठन किया. अजीत सिंह यादव ने ऑपरेशन की गुपचुप रूप से तैयारी शुरू कर दी. इसके साथ ही उनकी खुफिया टीम सूत्रों की तलाश में भी जुट गई.
पुलिस अधिकारी अजीत सिंह यादव के नेतृत्व में टीम ने प्रदेश में चल रहे अवैध तथा फर्जी वेबसाइटों को चिन्हित करके ब्लॉक करने के लिए कंपनियों को पत्र लिखा. इसका सकारात्मक असर भी देखा गया. लेकिन जो साइट ब्लॉक होती थी, बाद में एक और फर्जी नाम से साइट बाजार में आ जाती थी. कोलकाता फटाफट नामक वेबसाइट इसी तरह की फर्जी वेबसाइट थी, जो गुप्त रूप से अवैध सट्टा लॉटरी का व्यवसाय करती थी.टीम ने जांच करते और सूत्रों की तलाश करते हुए गो वेब सॉल्यूशन नामक कंपनी तक अपनी पैठ बना ली.
यह वह कंपनी थी, जो फर्जी वेबसाइट डेवलप करके वितरित करती थी. पूरे प्रदेश में इसी डेवलपर कंपनी की फर्जी वेबसाइटें चल रही थीं. अजीत सिंह यादव ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए इससे पहले एक अन्य फर्जी वेबसाइट के एक कर्मचारी को प्रलोभन दिया था, जिसने गो वेब सॉल्यूशन कंपनी नामक डेवलपर कंपनी तक उनकी पहुंच आसान कर दी थी.
अजीत सिंह यादव ने सूझबूझ और पूरी बुद्धिमानी से अपनी योजना बनाते हुए गो वेब सॉल्यूशन नामक कंपनी पर छापा मारने का निश्चय किया. एक व्यक्ति से संपर्क किया, जिससे काफी कुछ जानकारी मिल गई. इस गोपनीय जानकारी को महफूज रखते हुए उनके नेतृत्व में टीम ने बेलूर के धर्मतला रोड पर स्थित वेब डेवलपमेंट कंपनी पर छापा मारा, जहां से अनेक कंप्यूटर,लैपटॉप तथा अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गई. यह कंपनी राजस्थान, पंजाब, बंगाल और कई प्रदेशों में अवैध ऑनलाइन लॉटरी वेबसाइट बनाकर सप्लाई करती थी.
अजीत सिंह यादव के नेतृत्व में DEO की यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. ऐसा माना जाता है कि गो वेब सॉल्यूशन कंपनी के सूत्रों के जरिए प्रदेश में चल रही चोरी छिपे अवैध ऑनलाइन लॉटरी का पूरी तरह खेल बंद हो सकता है. पुलिस ने कंपनी के मालिक को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है. सूत्र बताते हैं कि पुलिस अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर अवैध ऑनलाइन लॉटरी के खिलाफ प्रदेश स्तर पर एक बड़े अभियान को अंजाम दिया जा सकता है.
इस बड़ी कामयाबी के बाद यह भी माना जाता है कि राष्ट्रीय स्तर जैसे राजस्थान, पंजाब आदि प्रदेशों में भी अवैध सट्टा और लॉटरी के व्यवसाय पर पूरी तरह अंकुश लग सकेगा. इस ऑपरेशन की कामयाबी के बाद एसपी अजीत सिंह यादव की वाहवाही के चर्चे शुरू हो गए हैं.
