November 13, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिविक वॉलिंटियर के सपनों पर लगा पलीता!

सिलीगुड़ी में ट्रैफिक संचालन में ट्रैफिक पुलिस की मदद करते आपने जगह जगह सिविक वॉलिंटियर को देखा होगा, जो अपना कार्य बखूबी करते हैं और ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों की मदद करते हैं. ठेके के अंतर्गत काम करने वाले इन सिविक वॉलिंटियर के सपने महकमा में उचित जगह बनाने के लिए होते हैं. आंखों में सपने और दिल में जोश के साथ संघर्ष तथा मेहनत करने का माद्दा देख कर लोगों की सहानुभूति तथा दुआ होती है कि उनकी जिंदगी में भी कुछ उजाला हो.

सिलीगुड़ी में अनेक सिविक वॉलिंटियर अच्छी योग्यता रखते हैं. उनकी कद काठी भी ठीक-ठाक है. हाड़-तोड़ परिश्रम भी करते हैं. कुछ-कुछ कानून की जानकारी भी रखते हैं. उनमें से कई चाहते हैं कि उन्हें पुलिस महकमा में उचित जगह मिले. वे कानून और व्यवस्था की ड्यूटी कर सकें. परंतु अब शायद ऐसा होता प्रतीत नहीं होता. क्योंकि कोलकाता हाई कोर्ट की गाइड लाइन ने उनके सपनों को पलीता लगा दिया है.

8-8 हजार रुपए में 12 घंटे की ड्यूटी करने वाले इन सिविक वॉलिंटियर का दर्द तब छलक जाता है, जब कोर्ट की तरफ से उनके पुलिस में प्रमोशन अथवा तरक्की का रास्ता बंद हो जाता है. ऐसे में वे अपनी व्यथा का कैसे बयान करें. हालांकि राज्य सरकार ने उनकी जिंदगी में उजाला लाने की योजना बनाई, परंतु कोलकाता हाई कोर्ट का कुछ अलग ही फरमान है. कोलकाता हाईकोर्ट ने सिविक वॉलिंटियर की ड्यूटी को लेकर राज्य पुलिस को एक गाइडलाइन तैयार करने का आदेश दिया था. इसी के तहत राज्य पुलिस ने सर्कुलर जारी किया. इसमें हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सिविक वॉलिंटियर को किस-किस काम में लाया जाए, इसका उल्लेख किया गया है.

सिविक वॉलिंटियर ट्रैफिक नियंत्रण में पुलिसकर्मियों की मदद तो पहले से ही कर रहे हैं. इसके अलावा सिविक वॉलिंटियर विभिन्न त्योहारों पर भीड़ को नियंत्रित करने, अवैध पार्किंग को रोकने तथा लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पुलिस की मदद करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं. वे स्वतंत्र रूप से कुछ भी काम नहीं करेंगे. सबसे बड़ी बात जो उनके जख्मों को कुरेद रही है, सिविक वॉलिंटियर कानून और व्यवस्था से संबंधित कोई भी जिम्मेदारी का कार्य नहीं कर सकते. ऐसे में वे पुलिस अथवा दरोगा कैसे बन सकते हैं!

आपको बताते चलें कि वर्तमान में सिलीगुड़ी समेत पूरे राज्य पुलिस बल में 107015 सिविक वॉलिंटियर तैनात हैं. 2012 में सिविक वॉलिंटियर को कांट्रेक्चुअल कर्मी के तौर पर नियुक्ति मिली थी. सिविक वॉलिंटियर के लिए पहले न्यूनतम शिक्षा माध्यमिक थी. अब इसे कम करके आठवीं कर दी गई है. आठवीं पास सिविक वालंटियर तो कोई बड़ा सपना नहीं देख सकता,परंतु जो पढ़े लिखे हैं उन्हें तो अपना कैरियर बनाने का पूरा हक होना चाहिए.

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