November 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

सीबीआई के उत्तर बंगाल पहुंचते ही रसूखदारों में मचा हड़कंप!

कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अलीपुरद्वार को ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले की जांच शुरू कर दी है. इससे पहले सीआईडी मामले की जांच कर रही थी. पिछले 3 साल से सीआईडी मामले की जांच करते हुए किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची थी. इसके बाद ही कोलकाता हाई कोर्ट ने सीआईडी को फटकार लगाते हुए सीबीआई को जांच सुपुर्द कर दिया.

अलीपुरद्वार को ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला एक ऐसा घोटाला था, जिसमें गरीब जनता को कुछ बड़े लोगों ने ठगा था तथा उनकी निवेश की रकम को हड़प लिया था. इस मामले पर खूब राजनीति होती रही और अंततः राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए सीआईडी को नियुक्त किया. अलीपुरद्वार महिला कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी की वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के लिए सीबीआई अलीपुरद्वार पहुंची तो इस घोटाले से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया.

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के दल में तीन अधिकारी शामिल है. अलीपुरद्वार पहुंचते ही सीबीआई की टीम के लोग अलीपुरद्वार के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुरीद मजूमदार के पास पहुंचे और मामले की सारी जानकारी ले गए. उन्होंने मजूमदार से घंटो पूछताछ की. 24 अगस्त को कोलकाता हाई कोर्ट ने कोऑपरेटिव घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. 2019 में अलीपुरद्वार में यह कांड हुआ था. कोऑपरेटिव सोसाइटी के प्रभारी कई नेताओं के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दायर किया गया था.

बताया जाता है कि अलीपुरद्वार कोऑपरेटिव सोसाइटी के हजारों लोग मेंबर थे. सूत्रो ने बताया कि इस समिति में लगभग 21000 लोग अपनी कमाई जमा करते थे. उनकी कमाई समिति के अधिकारियों द्वारा हड़प लिए जाने का आरोप लगा. बाद में सोसाइटी में जमा करने वालों ने पुलिस में समिति के खिलाफ रपट दर्ज करवाई. इस रिपोर्ट के आधार पर महिला समिति की अध्यक्षा उपासना सेनगुप्ता समेत पांच अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन जब सीआईडी द्वारा मामले की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई, तब जमा कर्ताओं ने कोलकाता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दी और सीबीआई जांच की मांग की.

अलीपुरद्वार जिला अदालत में यह मामला काफी समय से लंबित था. इसके बाद हाई कोर्ट ने समिति के वित्तीय गबन मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया. इस बीच 12 सितंबर को सीआईडी ने राज्य सरकार की ओर से दोबारा याचिका दायर की. लेकिन शुक्रवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और अपने आदेश को बरकरार रखा. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीआईडी द्वारा सभी जांच दस्तावेज सीबीआई और ईडी को सौंपा जाना है. सीबीआई टीम ने अपना काम करना शुरू कर दिया है.

सीबीआई और ईडी को सभी जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए हाई कोर्ट की ओर से 12 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. सीबीआई अधिकारियों के अलीपुर द्वार पहुंचते ही कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले के आरोपियों समेत संस्था के अधिकारियों की नींद उड़ गई है. इसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हैं. नेता भी हैं. उन्हें लगता है कि जिस तरह से बंगाल में सीबीआई और ईडी अपना काम कर रही है, ऐसे में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी लोगों के पकड़े जाने की संभावना बढ़ गई है. सीबीआई के अधिकारी छानबीन के क्रम में कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले सकते हैं. इससे उनमे भय व्याप्त है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *