सिलीगुड़ी शहर हमेशा से ही पर्यटकों का दिल बहलाता रहा है. लगभग 5 से 7 लाख की आबादी वाले सिलीगुड़ी शहर में पर्यटकों के मनोरंजन व मस्ती, पीने के लिए शराब और दिल बहलाव के लिए सुंदरिया मिल जाती हैं.सिलीगुड़ी के कुछ होटल और रिसोर्ट पर्यटकों का बाहें फैलाकर स्वागत करते हैं तथा उनकी जरूरत की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा करते हैं. यही कारण है कि सिलीगुड़ी से सटे तथा सीमांचल के अनेक युवक छुट्टियों में सिलीगुड़ी मनोरंजन के लिए आते हैं और खूब मस्ती करते हैं.
बिहार में शराबबंदी के बाद सिलीगुड़ी से सटे बिहार और सीमावर्ती जिलों के अनेक युवकों को जब भी पीने पिलाने का शौक या मस्ती छाती है तो वह सिलीगुड़ी चले जाते हैं और यहां अपनी पसंद के होटल में रहकर रात रंगीन करते हैं. सिलीगुड़ी के लोगों को ऐसे मामलों का पता तभी चलता है, जब पुलिस अपने मुखबिर की रिपोर्ट के आधार पर दबिश की कार्रवाई करती है. अधिकांश मामलों में ना तो पुलिस को और ना ही लोगों को कुछ पता चलता है और यह राज होटल, दलाल और अय्याश लोगों के बीच ही दब कर रह जाता है.
देह व्यापार कानूनन अपराध है. परंतु सच तो यह है कि सिलीगुड़ी के कई अपार्टमेंट, होटल, मॉल, स्पा सेंटर तथा विभिन्न ठिकानों में देह व्यापार होते रहते हैं.सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने ऐसे कई मामलों का पूर्व में भंडाफोड़ भी किया है.
यहां जिस द्रुतगति से जिस्मफरोशी का धंधा फल फूल रहा है, उतनी ही तेजी से सेक्स रैकेट भी कुकुरमुत्ते की तरह फैलते जा रहे हैं. सिलीगुड़ी के कई होटलों में धंधा करने वाली लड़कियों के सप्लायर ग्राहकों तथा होटल प्रबंधन के कांटेक्ट में होते है. ग्राहक की मांग के हिसाब से सप्लायर लड़कियों को होटल भेजते हैं. कहना गलत नहीं होगा कि पिछले कुछ समय से सिलीगुड़ी में लड़कियों के दलाल गिरोह भी काफी फल-फूल रहे हैं.कई लोग तो इस धंधे में खुलकर उतर चुके हैं. उन्हें इस काम के बदले अच्छा खासा पैसा और कमीशन मिलता है.
पिछले दिनों सालबाड़ी के एक रिसोर्ट में जिस्मफरोशी के जिस धंधे का प्रधान नगर थाना और एसओजी की टीम ने पर्दाफाश किया है, उससे कई महत्वपूर्ण बातों का पता चलता है.हालांकि पुलिस इन्वेस्टिगेशन के बाद ही मीडिया से कुछ कहने की स्थिति में होती है, पर पुलिस की कार्यशैली तथा अन्य गतिविधियों से ढेर सारी बातों का पता चल जाता है. पुलिस ने रिसोर्ट पर दबिश देकर एक लड़की समेत 4 लोगों को 5 दिनों के रिमांड पर लिया है.
अब तक की पूछताछ और इन्वेस्टिगेशन में जो कहानी सामने आई है, उसके अनुसार बिहार के अररिया, फारबिसगंज के रहने वाले तीन लड़के विनीत गौतम, अभिषेक गौतम व इकबाल अहमद हाशमी मौज मस्ती करने के लिए सिलीगुड़ी आते हैं. बिहार में शराबबंदी है लेकिन सिलीगुड़ी में शराब की नदियां बहती हैं. सब कुछ पहले से ही तय हो चुका होता है. यहां तीनों लड़के एक रिसॉर्ट में जाते हैं.उनके लिए सुरा और सुंदरी का इंतजाम झंकार मोड का रहने वाला राजू सरकार करता है. उन लड़कों से राजू सरकार को एक मोटी रकम भी मिल जाती है.
पुलिस को मामले की जानकारी अपने मुखबिर से होती है, जिसके बारे में पुलिस कभी बताती नहीं है. यह मुखबिर पुलिस के लिए काम करते हैं और पुलिस से उन्हें कमीशन भी मिलता है. पुलिस के मुखबिर तीसरी आंख की तरह होते हैं जिन पर किसी को शक नहीं होता. वे हुलिया बदलने में भी माहिर होते हैं. पुलिस को अपने विश्वस्त मुखबिर से जानकारी मिलती है तो पुलिस दल बल समेत रिसोर्ट जा पहुंचती है और लड़की समेत तीनों को हिरासत में ले लेती है…
इस कहानी का टर्निंग प्वाइंट भले ही कुछ और हो, परंतु सच तो यह है कि बिहार में इस समय शादियां खूब हो रही है. शादी के बाद पार्टियों का आयोजन जरूरी हो जाता है. बगैर शराब के पार्टी का मजा नहीं होता. बिहार में शराबबंदी भी है. इसलिए पीने पिलाने का शौक रखने वाले मौज मस्ती के लिए सिलीगुड़ी पहुंच जाते हैं. एसओजी की टीम पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है. हो सकता है कि एसओजी की पड़ताल में सिलीगुड़ी के कुछ और होटल और रिसोर्ट के नाम सामने आए! परंतु इससे किसी को क्या फर्क पड़ता!