July 16, 2025
Sevoke Road, Siliguri
coronation bridge fake video sevoke उत्तर बंगाल

‘सेवक कोरोनेशन ब्रिज’ के गिरने की खबर से मचा तहलका
वायरल वीडियो ने उड़ाई सबकी नींद!


सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हुआ एक वीडियो, जिसने डुआर्स और उत्तर बंगाल के लोगों की नींद उड़ा दी। वीडियो में दावा किया गया कि ‘सेवक कोरोनेशन ब्रिज’—तिस्ता नदी के ऊपर बना ऐतिहासिक और धरोहर दर्जा प्राप्त पुल—भरभरा कर गिर गया है। वीडियो देखकर लोग हैरान रह गए, किसी की आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। देखते ही देखते फोन घनघनाने लगे, लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को फोन कर-करके सच्चाई जानने में जुट गए।

लेकिन धीरे-धीरे परत दर परत खुलने लगी इस वीडियो की हकीकत। ये वीडियो असली नहीं, बल्कि एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा तैयार किया गया था। लेकिन अफसोस की बात यह रही कि तब तक लाखों लोग इसे देख चुके थे, और डुआर्स समेत पूरे उत्तर बंगाल में दहशत का माहौल बन चुका था।

मालबाजार स्थित ‘फोरम ऑफ डुआर्स सोशल रिफॉर्म’ के सचिव चंदन राय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम लोग वर्षों से इस पुल को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह पुल सिर्फ एक निर्माण नहीं, हमारी भावनाओं, हमारे इतिहास का हिस्सा है। इस तरह की भ्रामक पोस्ट से लोग भ्रमित हो जाते हैं। मैंने जब ये वीडियो देखा तो खुद स्तब्ध रह गया।”

राय ने आगे बताया कि उन्होंने उसी रात पुलिस से संपर्क किया और उनके संगठन के सदस्य देबजीत सरकार ने जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत दी। उनका साफ कहना है कि इस तरह की AI-जालसाजी लोगों की भावनाओं से खेलना है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पुलिस प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने वीडियो पोस्ट किया था, उसे पहचान लिया गया है और उसने वीडियो को डिलीट भी कर दिया है। लेकिन जांच अभी भी जारी है।

क्या कहता है इतिहास?
सेवक कोरोनेशन ब्रिज का निर्माण 1930 के दशक में हुआ था और यह ब्रिज न सिर्फ उत्तर बंगाल को जोड़ता है बल्कि यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार भी है। इसे ब्रिटिश राज में बनवाया गया था और आज यह एक हेरिटेज स्ट्रक्चर है।

सावधानी ही सुरक्षा है!
सोशल मीडिया पर किसी भी वीडियो या खबर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच ज़रूरी है। वरना एक फर्जी वीडियो भी अफरा-तफरी और दहशत का कारण बन सकता है।

इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि टेक्नोलॉजी जहां वरदान है, वहीं बिना ज़िम्मेदारी के इसका इस्तेमाल अभिशाप बन सकता है।

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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