November 17, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सेवक में कोरोनेशन ब्रिज के दिन फिरे!

सिलीगुड़ी से कुछ ही दूरी पर स्थित सेवक में कोरोनेशन ब्रिज एक ऐतिहासिक ब्रिज है. यह अकेला ऐसा ब्रिज है जो सिलीगुड़ी को उत्तर पूर्व राज्यों, पहाड़ और Dooars से जोड़ता है. इसी से इस ब्रिज के महत्त्व का पता चल जाता है.

कोरोनेशन एक ऐतिहासिक महत्व का ब्रिज है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस ऐतिहासिक ब्रिज को बचाने तथा उसे हेरीटेज का दर्जा देने के लिए एक वैकल्पिक ब्रिज के निर्माण की बात कही थी. 1937 में जार्ज षष्ठम का इंग्लैंड में जब राज्याभिषेक हो रहा था, तो उनके राज्याभिषेक की खुशी में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा सिलीगुड़ी के निकट सेवक में कोरोनेशन ब्रिज की आधारशिला रखी गई थी. सेतु पर उस दौर में ₹4 लाख खर्च किए गए थे. यह सेतु 4 साल में बनकर 1941 में तैयार हुआ था.

उस समय से सेवक में यातायात के लिए इसी ब्रिज की सहायता ली जाती है. इतना पुराना और ऐतिहासिक ब्रिज मजबूत तो है, परंतु समय की मार और उचित रखरखाव ना होने से समय-समय पर इस ब्रिज को लेकर सुर्खियां बनती रहती है. कभी हादसों के कारण तो कभी ब्रिज के पिलर में दरार पड़ने या पिलर के खिसकने अथवा ब्रिज के लगातार कमजोर पड़ते जाने तथा प्रशासन द्वारा मूकदर्शक भूमिका निभाते रहने के कारण भी विभिन्न संगठनों के द्वारा समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही है.

स्थानीय सामाजिक संगठनों तथा Dooars फोरम की चिंता भी यूं ही नहीं है. क्योंकि 2011 के भूकंप में इस ब्रिज के एक हिस्से में दरार आ चुकी है. उसके बाद से इस ब्रिज के लगातार कमजोर पड़ते जाने की कई घटनाएं सुर्खियां बन चुकी है. आज भी इस ब्रिज के ऊपर से 10 टन से अधिक के वाहन चलने पर प्रतिबंध है. जब भी इन इलाकों में किसी पुल के टूटने अथवा धंसने की खबरें आती हैं, तो स्थानीय माल बाजार, Dooars आदि के निवासी कोरोनेशन ब्रिज की चिंता में दहल उठते हैं.

इस ऐतिहासिक ब्रिज को लेकर स्थानीय लोगों की चिंता का अब समाधान होने जा रहा है. यहां वैकल्पिक ब्रिज तो बनकर अभी तैयार नहीं हुआ, परंतु पुराने जर्जर पड़े ब्रिज का कायाकल्प जरूर किया जा रहा है. ब्रिज के चारों तरफ बांस का ढांचा बना कर मरम्मत का काम किया जा रहा है. ब्रिज के पिलर के नीचे से लेकर ऊपर तक सीमेंट और कंक्रीट से पाये को मजबूती दी जा रही है. ब्रिज के कायाकल्प की संपूर्ण जिम्मेवारी एनएच 9 को दी गई है. पुल के रिनोवेशन पर 3 करोड 75 लाख ₹76 हजार खर्च किए जाएंगे.

जब इस ब्रिज की मरम्मति का कार्य पूरा हो जाएगा, तो उसका रंग रोगन भी होगा.यानी कोशिश यही होगी कि ब्रिज पहले की तरह मजबूत और आकर्षक चमक-दमक से लवरेज हो. स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जब तक वैकल्पिक सेतु का निर्माण नहीं हो जाता तब तक कोरोनेशन ब्रिज भविष्य में अपनी जगह अचल बना रहे.फिलहाल कोरोनेशन ब्रिज की मरम्मति पर तेजी से काम चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि एक बार फिर से इस ब्रिज में जान लौट आएगी. इसके साथ ही यह भी सवाल उठता है कि सेतु का कायाकल्प होने के बाद क्या ब्रिज से होकर भारी वाहनों का आवागमन पहले की तरह ही प्रतिबंधित रहेगा?

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