सेवक रंगपो रेल परियोजना को एक पर एक सफलताएं मिलती जा रही हैं. परियोजना का कार्य समय रहते पूरा कर लेने के लिए इंजीनियर और अधिकारी दिन रात कार्य कर रहे हैं. पिछले दिनों इस परियोजना ने कई ऐतिहासिक सफलताओं पर मुहर लगाई थी. अब एक बार फिर से सेवक र॔गपो रेल परियोजना को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है!
सेवक र॔गपो रेल परियोजना की यह अब तक की सबसे बड़ी सफलता कही जा सकती है. क्योंकि इस सुरंग को पा लेने के बाद बाकी कार्यों में और तेजी आएगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेवक रंगपो रेल परियोजना की अब तक की सबसे लंबी सुरंग को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया है.
यह सुरंग कालिमपोंग जिले में भालू खोला और तार खोला के बीच स्थित है. जबकि सुरंग के निकासी द्वार सुरंग संख्या 1 राष्ट्रीय राजमार्ग 10 और मुख्य सुरंग संख्या 10 को जोड़ती है. इरकॉन के अधिकारियों के अनुसार सेवक रंगपो रेल परियोजना में यह सबसे लंबी निकासी सुरंग है .
यह सुरंग हिमालय की कमजोर और चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय परिस्थितियों से होकर गुजरती है. आपको बताते चलें कि कालिमपोंग जिले में स्थित सेवक रंगपो रेल प्रोजेक्ट की टनल नंबर 10 का कार्य काफी समय से चल रहा था. अधिकारियों की मेहनत रंग लाई है. इसे एक और मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार निकासी सुरंग संख्या एक के माध्यम से टी 10 की मुख्य सुरंग को पंचर करके इस सुरंग में यह दूसरी बड़ी सफलता हासिल की गई. इस अवसर पर परियोजना निदेशक और इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के महिंदर सिंह, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारी, पीईएमएस डिटेल डिजाइन कंसलटेंसी की टीम और निर्माण एजेंसी आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे.
सबके चेहरे पर सफलता की मुस्कान देखी जा रही थी. आपको बताते चलें कि टी -10 की मुख्य सुरंग की लंबाई 5300 मीटर है. निकासी सुरंग संख्या 1 की लंबाई लगभग 1144 मीटर है. आज तक आधे से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारी लगातार कार्यों का मुआयना कर रहे हैं और कार्य की प्रगति पर संतोष जता रहे हैं. रेलवे को विश्वास है कि निर्धारित समय अवधि के भीतर प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा.