September 15, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी: नर्सिंग होम में मरीज की कैसे हुई मौत?

सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में उस समय अफरा तफरी और हड़कंप मच गया,जब पता चला कि चिकित्सा रत एक मरीज की मौत हो गई है और मरीज के घर वालों ने नर्सिंग होम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नर्सिंग होम से लेकर रोड तक हंगामा शुरू कर दिया. देखते ही देखते काफी संख्या में मरीज के रिश्तेदार, स्वजन, पड़ोसी आदि नर्सिंग होम के सामने जमा हो गए और सेवक रोड पर धरना, प्रदर्शन और रास्ता जाम शुरू कर दिया. इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई.

मिली जानकारी के अनुसार रात्रि 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक सेवक रोड पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही. सेवक रोड पर रास्ता जाम होने से भक्ति नगर पुलिस और भक्ति नगर ट्रैफिक गार्ड के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों को समझाने की कोशिश की. बाद में 10:00 बजे के बाद सेवक रोड पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई. मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि नर्सिंग होम की अव्यवस्था और लापरवाही ने मरीज की जान ले ली. दूसरी तरफ नर्सिंग होम प्रबंधन का कहना था कि नर्सिंग होम में लाने से पहले ही मरीज अत्यंत गंभीर अवस्था में था और उन्होंने मरीज के परिवार को यह बात भर्ती होने के समय ही बता दी थी.

यह जानना जरूरी है कि आखिर मरीज की मौत की सच्चाई क्या है? क्या मरीज की मौत के लिए नर्सिंग होम जिम्मेवार है या फिर मरीज की बीमारी से मौत हुई है? कौन है मरीज? इन सभी बातों को जानना और समझना जरूरी है. मिल रही जानकारी के अनुसार मृतक का नाम अर्जुन छेत्री है. अर्जुन छेत्री लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें लीवर संबंधित बीमार थी, जिसका इलाज हैदराबाद में चल रहा था. चंगा होने के बाद अर्जुन छेत्री हैदराबाद से अपने घर लौट आए. यहां उनकी तबीयत ठीक थी. वह कामाख्या मंदिर भी गए थे, जहां उन्होंने पूजा अर्चना की.

कामाख्या मंदिर से लौटने के बाद अर्जुन छेत्री की तबीयत अचानक से बिगड़ गई. इसके बाद घर वाले उन्हें सिलीगुड़ी के एक नर्सिंग होम में ले गए. लेकिन वहां आराम नहीं मिला तो सेवक रोड स्थित इस नामचीन नर्सिंग होम में ले आए. इस नर्सिंग होम के बारे में कहा जाता है कि यहां मरीज का अच्छा इलाज होता है. नर्सिंग होम में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ मौजूद रहते हैं. नर्सिंग होम ने मरीज की हालत देखी और उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया. मरीज की हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए डॉक्टर ने उसे वेंटीलेशन पर रखने की सलाह दी.

इलाज के कुछ देर बाद नर्सिंग होम के द्वारा मरीज के घर वालों को बताया गया कि मरीज का दिल काम नहीं कर रहा है. वह बार-बार कार्डियक अरेस्ट का सामना कर रहा है. यह जानकर घरवाले घबराए. क्योंकि ऐसा उन्होंने मरीज में कभी नहीं देखा था. घर वालों का कहना है कि गलत चिकित्सा के कारण ही मरीज में यह स्थिति उत्पन्न हुई. उनका आरोप था कि रविवार होने से विशेषज्ञ डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. नर्सिंग होम के डॉक्टर तथा अन्य कर्मचारियों ने भी उन्हें सहयोग नहीं किया और जैसे तैसे इमरजेंसी के आधार पर मरीज की चिकित्सा शुरू हुई, जिसके कारण मरीज को हार्ट अटैक आया.

नर्सिंग होम प्रबंधन की ओर से कहा जा रहा है कि जब मरीज को यहां लाया गया था तो उसकी हालत चिंता जनक थी. इसलिए उसे वेंटिलेशन पर रखकर इलाज किया जा रहा था. घर वालों का कहना है कि अगर मरीज की स्थिति चिंताजनक थी तो नर्सिंग होम ने उसे भर्ती कैसे लिया? उनका स्पष्ट कहना है कि जब मरीज नर्सिंग होम लाया गया था, तब मरीज की हालत ज्यादा खराब नहीं थी. वे सीधे-सीधे इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. मृतक के घर वालों की मांग है कि मरीज की मौत की सही रिपोर्ट दी जाए, ताकि जिम्मेदार डॉक्टरों और नर्सिंग होम के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके.

जो भी हो, भक्ति नगर पुलिस इस मामले की पड़ताल कर रही है कि आखिर मरीज की मौत कैसे हुई? क्या मरीज की मौत चिकित्सा में लापरवाही के कारण हुई है या फिर अन्य कारणों से हुई है? इसका खुलासा तो तभी होगा जब मरीज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट होगी. बहरहाल भक्ति नगर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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