हावड़ा से बनारस की दूरी लगभग 750 किलोमीटर है. ट्रेन से यह दूरी तय करने में 12 से 13 घंटे लग जाते हैं. लेकिन बहुत जल्द बल्कि अगले महीने से ही हावड़ा और बनारस की दूरी सिर्फ 6 घंटों में सिमट कर रह जाएगी. यह चमत्कार करेगी वंदे भारत ट्रेन जो बनारस से चलकर हावड़ा जाएगी.
हावड़ा से बनारस रूट के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस पहली ऐसी ट्रेन होगी, जो बनारस और कोलकाता के व्यापारिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी. कोलकाता एक व्यवसायिक हब है. उसी तरह से बनारस भी व्यापार के लिए प्रसिद्ध है. यह ट्रेन चलने से कोलकाता और बनारस के व्यापारी अपने कारोबार को और विस्तार देंगे. केवल व्यापार के दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि पर्यटन के हिसाब से भी वंदे भारत ट्रेन दोनों शहरों के बीच पर्यटन की गति को तेज धार देगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हावड़ा से बनारस रूट के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के रूट सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. इसी महीने के अंत तक ट्रायल रन भी शुरू कर दिया जाएगा. फिलहाल इस रूट पर 8 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री को आठ कोच बनाने का पत्र भेजा जा चुका है.
ऐसी चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई महीने में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं. यह ट्रेन हावड़ा और बनारस के बीच केवल 4 स्टेशनों पर ही रुकेगी. हालांकि इसका अंतिम फैसला रेलवे बोर्ड करेगा. वाराणसी से खुलने के बाद यह ट्रेन गया रूट होते हुए धनबाद और हावड़ा का सफर पूरा करेगी. यह ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चला करेगी.
फिलहाल आठ कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस इस रूट पर चलेगी . 3 महीने के बाद इसका पुनरीक्षण होगा और जरूरत पड़ने पर 12 से 16 कोच बढाए जा सकते हैं. टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि वंदे भारत एक्सप्रेस के इस रूट पर चलने से कोलकाता और बनारस के व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे. साथ ही दोनों शहरों में पर्यटन को नई गति मिलेगी.