क्या आपके पास 20 साल पुरानी कार है और उसे आप अब तक किसी तरह काम चलाऊ बनाकर चला रहे हैं तो अब समय आ गया है कि उसे कबाड कर दें अन्यथा सड़क पर चलाते पकड़े गए तो होगा आपका चालान. देना होगा भारी जुर्माना. 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों का भी युग लद गया. आज संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी को लागू करने की बात कह दी है!
इस पॉलिसी की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में की थी. पिछले आम बजट में इसे शामिल कर लिया गया था. इस पॉलिसी के तहत 20 साल पुरानी कार तथा 15 साल से अधिक पुराने व्यवसायिक और सार्वजनिक वाहनों को कबाड़ कर देने की बात कही गई है. सरकार 1 अप्रैल से 9 लाख पुराने वाहनों को कबाड़ करने जा रही है. पॉलिसी के तहत 20 साल पुरानी कार और 15 साल से अधिक पुरानी कमर्शियल गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
केंद्र सरकार की व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी को राज्यों में लागू किया जा रहा है. पुरानी गाड़ियों को कबाड करने के लिए फिटनेस टेस्ट अनिवार्य है. आप कोई बहाना भी नहीं कर सकेंगे क्योंकि सड़कों पर गाड़ी चलाते समय आपको टेस्ट से गुजरना होगा. उसके बाद पता चल जाएगा कि आपकी गाड़ी व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी के अंतर्गत आती है या नहीं. नए भारत में विकास के सभी क्षेत्रों में नए नए बदलाव किए जा रहे हैं. बहुत जल्द उन सभी गाड़ियों से निजात मिलने जा रही है जो सड़कों पर चलते हुए अधिक शोर करती हैं तथा जिनका बाडी गाड़ी के सड़क पर रेंगने से ऐसे हिलता है जैसे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो जाए!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर बंग परिवहन निगम की 15 साल अधिक पुरानी बसों को बंद अथवा उन्हें स्क्रैप किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने 15 साल से अधिक पुराने 9 लाख सरकारी वाहनों के 1 अप्रैल के बाद सड़कों पर नहीं चलने देने का फैसला किया है. राज्यों को अधिसूचना जारी कर दी गई है. वर्तमान में यह सभी वाहन केंद्रीय और राज्य सरकारों, परिवहन निगमों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में लगे हुए हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार पहले से ही 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने अथवा परिवहन सेवा से मुक्त करने की दिशा में कदम उठा रही है. जो नई गाड़ियां आ रही हैं, वह या तो इलेक्ट्रिक से चलेंगी या फिर सीएनजी, इथेनॉल, मेथनॅल और बायो एलएनजी आदि की मदद से चलेंगी. सरकार चाहती है कि देश और राज्य में डीजल और पेट्रोल की खपत कम से कम हो. वैकल्पिक ईंधन भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए वर्तमान में एक आवश्यक कदम माना जा रहा है.
पश्चिम बंगाल सरकार, परिवहन निगम विभाग पहले ही राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद का भारी भरकम ऑर्डर दे चुकी है. कुछ इलेक्ट्रिक वाहन आ गए हैं और कुछ इस महीने आएंगे. बहुत जल्द आप देख सकेंगे कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियां सड़कों से एक-एक कर गायब होती जा रही हैं.
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने देश में प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से ऐसे छोटे बड़े सभी निजी वाहनों जैसे कार आदि पर भी प्रतिबंध लगाया है जो प्रदूषण करते हैं. जारी अधिसूचना के अनुसार 15 साल पुराने सरकारी वाहनों का पंजीकरण 1 अप्रैल से रद्द कर दिया जाएगा. हालांकि यह नियम देश की रक्षा के लिए अभियान में कानून व्यवस्था लागू करने और आंतरिक सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष उद्देश्य के वाहनों पर लागू नहीं होगा.
सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर ऐसे व्यापारियों पर होगा, जो पुरानी कारों अथवा वाहनों की खरीद बिक्री के धंधे में लगे हुए हैं. सिलीगुड़ी में पुरानी कारों तथा बसों की खरीद बिक्री का धंधा वृहद स्तर पर होता है. सूत्र बता रहे हैं कि पहाड़ और पड़ोसी देशों के पुराने वाहन सस्ते में खरीद कर सिलीगुड़ी के व्यापारी उसकी काया पलट कर देते हैं तथा उसे नए रूप में लाकर सिलीगुड़ी और पड़ोसी राज्यों में अच्छे खासे मुनाफे के साथ बेच देते हैं. ऐसे सभी लोगों पर सरकार के नए फैसले का व्यापक असर होगा और इससे उनकी रोजी-रोटी प्रभावित होगी.
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अथवा उनकी सरकार की ओर से अभी तक कोई ताजा अधिसूचना जारी नहीं की गई है. परंतु यह समझा जाता है कि सरकार सड़कों पर 15 साल से अधिक पुराने परिवहन निगम के वाहनों को नहीं चलने देने के लिए गंभीर है! सिलीगुड़ी शहर में हाल के वर्षों में कारों की संख्या में इजाफा हुआ है. यहां नई कारों के साथ-साथ पुरानी कारें भी सड़कों पर चलती हैं. अगर आपके पास 20 साल पुरानी कार है तो उसे चलाने की नहीं बल्कि कबाड़ करने की बात सोचिए, अन्यथा कडे दंड का सामना करने के लिए भी तैयार रहिए!