भारत सरकार के कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के सभी राज्यों के अस्पतालों को मॉक ड्रिल कराने के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी और राज्य के प्रमुख अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराया गया है. इसके साथ ही अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण तथा बेड को लेकर तैयारी भी तेज हो गई है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहले से ही तैयार है. इस बीच कुछ राहत और कुछ चिंता बढ़ाने वाली खबरें भी आ रही है.
पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के नए मामलों की संख्या में 7830 की तेजी आई है, जो अन्य दिनों के मुकाबले अत्यधिक है. इस बीच जानकारों और विशेषज्ञों ने बताया है कि भारत में कोरोना एंडेमिक स्टेज की ओर बढ़ रहा है. अगले 10 से 12 दिनों तक मामले और बढ़ते रहेंगे. उसके बाद इसमें कमी आएगी. एंडेमिक का मतलब यह है कि अब यह बीमारी हमारे बीच ही रहेगी. यहां से जाने वाली नहीं है. राहत की बात यह है कि अब यह बीमारी खतरनाक नहीं रही.
सिलीगुड़ी समेत देश के अलग-अलग राज्यों में मामले जरूर बढ़ रहे हैं.परंतु इसमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. या कुछ मामलों में ही लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं. ज्यादातर लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ओमीक्रोन सब वैरीअंट एक्स बीबी.1.16 के कारण मामलों में उछाल आया है. इस वैरीअंट की पूर्व मौजूदगी फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 35.8% हो गई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वैरीअंट के लक्षण फ्लू के जैसे ही हैं. सिलीगुड़ी में फ्लू के लक्षण वाले अनेक मरीज मिल जाएंगे.हालांकि उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती. वे घर पर ही ठीक हो रहे हैं. यह फ्लू के लक्षण है या कोरोना के, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा. परंतु एक हफ्ते में ही बीमारी ठीक हो जाती है. ऐसे में अनेक लोग इसकी जांच कराना आवश्यक नहीं समझते. इससे उनके काम धंधे पर भी कोई असर नहीं पड़ता.
इस वैरीअंट के लक्षण आमतौर पर सर्दी, खांसी और बुखार है. सिलीगुड़ी समेत देशभर में इस लक्षण के मरीजों की लंबी तादाद है. परंतु लोग कोविड-19 का टेस्ट नहीं करवाना चाहते. क्योंकि बीमारी घर पर ही ठीक हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि यह अच्छी बात है.परंतु उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि फ्लू जैसे लक्षणों के मामले में भले ही कोविड टेस्ट न किया गया हो, लेकिन जब तक लक्षण कम ना हो, तब तक उन्हें कम से कम 2 से 3 दिनों तक क्वारंटाइन रहना चाहिए.
वर्तमान में देशभर में 40215 एक्टिव केस है. अब तक कुल 4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 771 लोग ठीक हो चुके हैं. रिकवरी दर बढ़कर 98.72% हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मृत्यु दर 1.19% है.