July 26, 2025
Sevoke Road, Siliguri
WEST BENGAL lightning thundering weather westbengal

आसमान से गिरी मौत! पश्चिम बंगाल में बिजली गिरने से 13 की जान, कई गंभीर रूप से घायल

13 killed, many seriously injured due to lightning in West Bengal

जैसा कि हमने आपको पहले ही आगाह किया था कि कल और आज सुबह तक उत्तरी बंगाल सहित सिलीगुड़ी में तेज़ बारिश, तूफान और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई थी। कल सिलीगुड़ी में कुछ इलाकों में मौसम ने करवट भी ली, हालांकि आज सुबह से शहर का मौसम बेहद सुहाना बना हुआ है। लेकिन इसी बीच हमारे ही राज्य पश्चिम बंगाल के दो ज़िलों से एक दिल दहला देने वाली ख़बर सामने आई है। बांकुरा और पूर्व बर्धमान जिलों में आसमानी बिजली ने कहर बरपा दिया, जिसमें 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

गुरुवार को बांकुरा और पूर्व बर्धमान जिलों में अचानक तेज़ बारिश शुरू हुई, जिसके साथ कड़कती बिजली भी गिरने लगी। खेतों में काम कर रहे लोग पूरी तरह से बेखबर थे कि ऊपर से मौत इस तरह टूट पड़ेगी। बिजली इतनी ताकतवर थी कि कुछ ही पलों में 13 जिंदगियां खत्म हो गईं और चार लोग बुरी तरह झुलस गए।

बांकुरा जिले में सबसे ज़्यादा तबाही देखने को मिली। पुलिस अधीक्षक वैभव तिवारी ने बताया कि जिले के ओंदा, कोतुलपुर, जयपुर, पत्रसायर और इंदस थाना क्षेत्रों में बिजली गिरने से 8 लोगों की जान चली गई। ओंदा में खेत में काम कर रहे नारायण सर (48), जबा बाउरी (38), तिलोका माल (49) की मौत हुई, जबकि एक अन्य की पहचान नहीं हो सकी है। वहीं कोतुलपुर के जियाउल हक मोल्ला (50), पत्रसायर के जीवन पा (20), इंदस के इस्माइल मंडल (60) और जयपुर के उत्तम भुइयां (38) की जान भी इसी कुदरती कहर में चली गई।

पूर्व बर्धमान जिले में भी पांच लोगों की मौत हुई है और चार लोग घायल हैं। मध्यबधी थाना क्षेत्र में सनातन पात्र (60) और परिमल दास (32) की जान गई। इसके अलावा रैना के अभिजीत संत्रा (25), औसग्राम के रबिन टुडू (25) और मंगलकोट के बुड़ो मड्डी (64) की भी आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई।

घायलों का इलाज विभिन्न स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है। प्रशासन की ओर से तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक राज्य के कई जिलों में और भी बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश या तूफान के दौरान खेतों, पेड़ों के नीचे या खुले स्थानों में न जाएं और सतर्कता बरतें।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कुदरत का कहर कब, कहां और कैसे टूट पड़े, कोई नहीं जानता। हमें सतर्क रहना ही हमारी सुरक्षा की सबसे पहली शर्त है।

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