मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एक मास्टर स्ट्रोक चला है. 21 जुलाई की रैली के ठीक 1 दिन बाद उन्होंने एक नई सरकारी योजना की घोषणा करके एक तरफ जहां उन्होंने राज्य में मतदाताओं को साधने और प्रभावित करने का मास्टर स्ट्रोक चला है, तो दूसरी तरफ इस योजना के जरिए राज्य के मतदाताओं का सरकार में विश्वास जीतने की रणनीति भी स्पष्ट कर दी है. मुख्यमंत्री की यह महत्वाकांक्षी योजना पूरे प्रदेश में 2 अगस्त से शुरू हो जाएगी.
आमतौर पर जनता उस पार्टी को वोट देती है, जो पार्टी जनता के लिए समर्पित होती है. अगर एक परिवार, समाज, मोहल्ले की छोटी-छोटी बुनियादी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही मिल जाए तो उसे और क्या चाहिए! अगर ऐसा कोई राजनीतिक दल यह करके दिखाता है तो ऐसे में राजनीतिक दल के प्रति जनता का विश्वास बढ़ता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खूब सोच समझकर नवान्न से जिस नई सरकारी योजना की घोषणा की है, उसका नाम आमादेर पाड़ा आमादेर समाधान यानी हमारा मोहल्ला हमारा समाधान है.
इस योजना के तहत सरकार बूथ स्तर पर जनता से सीधे जुड़ेगी. चाहे कोई परिवार हो या गांव या मोहल्ला, हर किसी की समस्या का स्थानीय स्तर पर समाधान होगा. उसे सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना होगा. इन छोटे-छोटे कार्यो में सरकारी नल लगाने, कच्ची सड़कों का निर्माण करने, बिजली के खंभे लगाने, स्ट्रीट लाइट, स्कूल की मरम्मत इत्यादि समस्याओं का समाधान बूथ स्तर पर ही किया जाएगा. राज्य भर में 80000 बूथ हैं.
योजना के अनुसार तीन बूथों को लेकर एक समाधान केंद्र तैयार होगा. इन केन्द्रों में अधिकारी तैनात होंगे, जो हर दिन किसी न किसी एक बूथ में जाकर जनता के काम करेंगे. सरकारी अधिकारियों में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद के लोग शामिल होंगे. अगर आपके गांव या बस्ती में आईसीडीएस केंद्र अथवा घर के लिए दीवार या छत का निर्माण करना है,तो इस नई योजना के जरिए किया जा सकता है.
इस योजना पर कुल 8000 करोड रुपए खर्च होंगे. कैंप में जाकर कोई भी अपनी समस्या बता सकता है. उसके बाद अधिकारी समस्याओं की जांच करेंगे और उसका समाधान निकालेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी योजना को शाश्वत बनाने के लिए प्रत्येक बूथ के लिए 10 लाख रुपए की राशि निर्धारित की है.
ममता बनर्जी यह भी जानती है कि केवल घोषणाएं कर देने मात्र से नहीं होता है. उन्होंने अपनी इस योजना को साकार करने के लिए विभिन्न पहलुओं का ध्यान रखा है. बगैर फंड की कोई भी योजना ठीक से क्रियान्वित नहीं होती है. इसके लिए ममता बनर्जी ने फंड के साथ-साथ टास्क फोर्स का भी गठन किया है. इसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव करेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टास्क फोर्स में वित्त सचिव समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ सचिव भी शामिल होंगे. यह सभी अधिकारी कार्यक्रम की निगरानी करेंगे. अगर यह योजना जमीनी स्तर पर जनता का काम करती है तो इसका सरकार को काफी फायदा मिलेगा. क्योंकि कई बार छोटी-छोटी समस्याएं लंबी होती जाती है. अगर उनका तुरंत समाधान नहीं होता है तो एक लंबी प्रक्रिया शुरू होती है और इसी लंबी प्रक्रिया में जनता की समस्याएं लटक कर रह जाती हैं.
ममता बनर्जी ने इससे पहले भी 2021 में द्वारे सरकार का आयोजन किया था. जिसका पार्टी और सरकार को काफी लाभ मिला. अब यह नई योजना TMC और सरकार का चुनाव में कितना बेड़ा पार करेगी, यह देखना होगा.