साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर चल रहे फर्जी विज्ञापनों में निवेश पर भारी रिटर्न, ऑनलाइन बैंकिंग ठगी, यूपीआई पेमेंट स्कैम, डिजिटल अरेस्ट, फिशिंग कॉल, इंटरनेट मीडिया हैकिंग इत्यादि के जरिए ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सिक्किम और और बंगाल में सबसे ज्यादा साइबर ठगी हो रही है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि साइबर ठगी मामले में बंगाल से सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आई है.
शिकायतों के आधार पर जांच एजेंसियों द्वारा शुरू की गई जांच में बंगाल का एक उद्योगपति पवन कुमार रुइया सुर्खियों में है. नेशनल क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल पर शेल कंपनियों के खिलाफ प्राप्त 1379 शिकायतों में बंगाल से सर्वाधिक 100 से अधिक शिकायतें सामने आई. इसके बाद जांच एजेंसियों ने बंगाल के उद्योगपति पवन कुमार रूइया के निवास पर छापा मारा. जांच एजेंसियों के अनुसार पवन कुमार रूइया तथा उनके परिवार पर आरोप है कि बंगाल और पूरे भारत में साइबर ठगी से प्राप्त रकम उनकी सेल कंपनियों के बैंक खातों से होकर ही ट्रांसफर होती थी.
पुलिस ने पवन कुमार रूइया के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए 315 करोड रुपए की साइबर ठगी का मामला दर्ज किया है. जिन फर्जी कंपनियों के माध्यम से लेनदेन किया गया है, उनका संबंध उद्योगपति पवन कुमार रूइया से है. अधिकारियों ने पाया है कि इन कंपनियों के माध्यम से पीड़ितों को उच्च रिटर्न का लालच देकर निवेश कराया गया था. फिर उन्हें डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी गई थी. जांच एजेंसियों ने पाया कि एक मामले में हुगली मशीनरी प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंट से दो दो बार लेनदेन हुआ है. छापे की कार्रवाई के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां वित्तीय लेनदेन के स्रोत की पुष्टि कर रही है.
जांच अधिकारियों के अनुसार पीड़ित को हिरासत की धमकी देकर उनसे जबरन धन वसूला जाता था. इस तरीके से करोडों रुपए विभिन्न कंपनियों के खातों में जमा कराए गए थे. साइबर ठगो ने बड़ी रकम बंगाल के उद्योगपति की सेल कंपनियों के बैंक खातों में जमा करायी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार साइबर ठगी से प्राप्त एक बड़ी रकम क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया था.
अब तक की पुलिस जांच से यह भी पता चला है कि एक निजी संगठन के जरिए ही इतना भारी भरकम लेनदेन किया गया है. इस संगठन की कई शाखाएं हैं और उन शाखाओं में 11 बैंक खाते हैं. पूरे भारत में 186 कंपनियों के 11 डायरेक्टर हैं. मिली जानकारी के अनुसार इन कंपनियों के खातों में 97 करोड रुपए जमा कराए गए हैं. पुलिस अधिकारियों ने खातों की जांच की है और पता चला है कि इन खातों का देश भर में दर्ज कम से कम 544 साइबर अपराध मामलों से संबंध है.
पुलिस ने अब इस बात की जांच शुरू कर दी है कि क्या उद्योगपति पवन कुमार रूइया और उनके परिवार के सदस्यों का संबंधित कंपनियों के खातों से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध है? पुलिस पुख्ता सबूत जुटाना चाहती है. पुलिस ने कई फर्जी कंपनियां को तलाशना शुरू कर दिया है. कम से कम 16 लाभकारी फर्मो का पता चला है. उनमें जैन ई-कॉमर्स, क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड, दहिसर ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड, टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड इत्यादि शामिल हैं.
हालांकि अब तक जो सुराग मिले हैं उसके अनुसार 23 साइबर ठगी मामलों के धन को उद्योगपति और उनके परिवार के खातों से होकर विदेश भेजा गया था .अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि 147 कंपनियों के नाम पंजीकृत हैं. जबकि 73 से भी ज्यादा कंपनियां गैर पंजीकृत है. 147 कंपनियों में से 73 कंपनियों का पता एक ही है. इजरा स्ट्रीट, कोलकाता का पता है. 73 कंपनियां कोलकाता के बडा बाजार इलाके में पंजीकृत हैं और शेष कंपनियां आसपास में स्थित है. अब तक की जांच में 1400 फर्जी कंपनियों का पता चला है जो इस 300 करोड़ से भी ज्यादा के साइबर फ्रॉड नेटवर्क से जुड़ी हुई है. इसी बात से आप समझ सकते हैं कि यह मामला कितना गंभीर है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार बहुत जल्द कुछ और सच्चाई सामने आ सकती है और कुछ और उद्योगपति इसमें शामिल हो सकते हैं. क्योंकि इतना बड़े साइबर फ्रॉड के मामले किसी बड़ी हस्ती की छत्रछाया में ही फल फूल सकते हैं. आज एक उद्योगपति पर जांच एजेंसियों की नजर है. यह भी संभव है कि कल कुछ और नाम सामने आ जाएं. जो भी हो, गलत काम का नतीजा तो गलत ही होता है. लेकिन सबसे बड़ी और आवश्यक महत्वपूर्ण बात यह है कि आप किसी भी तरह खुद को साइबर ठगी का शिकार होने से बचाएं. और अपनी मेहनत की कमाई को लुटने ना दें.
आप साइबर फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं, पुलिस और भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर जनता को जागरुक करती रहती है. सिक्किम में साइबर फ्रॉड की बढती घटनाओं को देखते हुए सिक्किम पुलिस ने सिक्किम के हर जिले में अलग साइबर पुलिस स्टेशन बनाने की योजना बनाई है. इसके अलावा ठगी की तुरंत शिकायत के लिए हेल्पलाइन और पोर्टल की व्यवस्था की जा रही है. स्कूलों, कॉलेज और गांव में पुलिस और प्रशासन के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए कुछ जरूरी कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं. आप भी सतर्क रहें और सुरक्षित रहें.
