पश्चिम बंगाल राज्य के स्कूलों के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. नई गाइड लाइन में सरकार ने स्कूलों में अनुशासन, पढ़ाई और शिक्षकों के समय पालन तथा पढ़ाई के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने देने पर सख्ती दिखाई है.
सिलीगुड़ी और प्रदेश के सरकारी विद्यालय तो पहले से ही पढ़ाई और अनुशासन में कोताही के लिए बदनाम रहे हैं. सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों में धारणा बन गई है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती. यही कारण है कि काफी संख्या में छात्र निजी विद्यालयों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों की दुर्दशा, शिक्षकों की लापरवाही और पढ़ाई ना होने के मामले को गंभीरता से लिया है.यही कारण है कि सरकार ने पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों से दूर होते बच्चों तथा उनके अभिभावकों को एक बार फिर से सरकारी स्कूलों से जोड़ने का रास्ता अपनाया है.
अगले साल 2023 शैक्षणिक वर्ष के लिए शिक्षा विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है. इसमें शिक्षकों के लिए भी सरकार ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं. नए दिशानिर्देश में विद्यालय में कक्षाओं की समय सूची, छुट्टियां तथा अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई है. मध्य शिक्षा परिषद की तरफ से जारी निर्देशिका के अनुसार सुबह 10:40 पर स्कूलों में प्रार्थना शुरू होगी, जिसका समय 10 मिनट निर्धारित किया गया है.
इसके बाद 10:50 पर कक्षाएं शुरू हो जाएंगी और शाम 4:30 बजे तक कक्षाएं जारी रहेंगी. शिक्षक और शिक्षिकाओं को विद्यालय में प्रार्थना सभा से पहले उपस्थित होना अनिवार्य है. अगर 10:50 के बाद कोई शिक्षक या शिक्षिका स्कूल आते हैं तो उन्हें लेट के रूप में देखा जाएगा, जबकि 11:05 के बाद विद्यालय आने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं तथा दूसरे स्टाफ के लिए यह माना जाएगा कि उस दिन वह अनुपस्थित रहे.
सबसे बड़ी बात यह है कि नई गाइड लाइन में शिक्षक शिक्षिकाओं को कक्षा चलने के दरमियान मोबाइल पर बात नहीं करने का निर्देश दिया गया है. अब तक ऐसा देखा जाता रहा है कि शिक्षक व शिक्षिकाएं विद्यालय चलने के दौरान भी मोबाइल से ही चिपके रहते हैं और बच्चों की पढ़ाई की ओर उनका ध्यान नहीं रहता है. निर्देशिका में कहा गया है कि शिक्षकों को किसी भी सब्जेक्ट की पढ़ाई अथवा प्रायोगिक कार्यों के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा. अगर बहुत जरूरी हो तो शिक्षक शिक्षिकाओं को विद्यालय प्रधान की लिखित अनुमति लेनी होगी.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी नई निर्देशिका पर सिलीगुड़ी के कुछ छात्रों तथा अभिभावकों की ओर से प्रतिक्रिया मिली है. छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि इस तरह की निर्देशिका कोई पहली बार तो आई नहीं. परंतु कितने शिक्षक और शिक्षिकाएं ऐसी निर्देशिका पर अमल कर पाते हैं. छात्रों ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई तो दूर, अनुशासन भी नहीं होता. उन्होंने कहा कि नई निर्देशिका से भी शिक्षकों तथा विद्यालय प्रबंधन पर कोई असर होने वाला नहीं है. बहर हाल यह देखना होगा कि मध्य शिक्षा परिषद की तरफ से जारी नई निर्देशिका सरकारी और निजी विद्यालयों पर कितना प्रभाव डालती है.