सिलीगुड़ी में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं. ऐसा देखा जाता है कि चुनाव कोई भी हो, वोट देने के लिए मतदाता चाहे देश के किसी भी नगर अथवा बस्ती में निवास करते हैं, चुनाव के समय अपने घर जरूर पहुंच जाते हैं. जो लोग दिल्ली, मुंबई, चेन्नई कोलकाता आदि नगरों में रोजी रोजगार अथवा नौकरी करते हैं, ऐसे लोगों को सिर्फ वोट देने के लिए अपने गृह क्षेत्र में जाना काफी परेशानी और आर्थिक नुकसान का कारण बन जाता है.
कई मतदाता तो इस कारण से वोट देना टाल देते हैं. परिणाम यह होता है कि ऐसे मतदाता जो वोट में हिस्सा नहीं ले पाते, मतदाता सूची से उनके नाम हटा दिए जाते हैं. ऐसे ही मतदाताओं के कारण ही चुनाव में वोट प्रतिशत बहुत कम हो जाता है. भारतीय चुनाव आयोग ने मतदाताओं की असुविधा तथा चुनाव में मतदाताओं की उदासीनता को देखते हुए एक अभिनव फैसला लिया है.
यह है रिमोट वोटिंग सिस्टम, जिसके जरिए देश का कोई भी मतदाता चाहे वह कहीं भी रहता हो, वोट देने से वंचित नहीं होगा. चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा कर दी है. चुनाव आयोग की इस घोषणा का सभी वर्गों के लोगों ने स्वागत किया है. वोटिंग के लिए दूर रहने वाले कामकाजी लोगों को काफी नुकसान उठाकर अपने क्षेत्र जाना पड़ता है. अब वह वहीं पर इलेक्ट्रॉनिक रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की मदद से बटन दबा सकते हैं.चुनाव आयोग 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों को इस आरवीएम का लाइव डेमोंसट्रेशन देगा.
आईआईटी मद्रास की मदद से बनाई गई मल्टी कांस्टीट्यूएंसी रिमोट ईवीएम एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है. इस सिस्टम को लागू करने से पहले चुनाव आयोग ने कानूनी, प्रशासनिक तथा तकनीकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार भी मांगे हैं. वोटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए मतदाताओं को अपने घर से बाहर रिमोट वोटिंग spot पर पहुंचना होगा. तभी वे मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे. एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग 45 करोड लोग ऐसे हैं, जो अपना घर और शहर छोड़कर दूसरे राज्यों में रह रहे हैं.