सिलीगुड़ी को नए साल पर केंद्र की ओर से एक बड़ा तोहफा वंदे भारत के रूप में मिल गया है. अब सिलीगुड़ी नगर निगम सिलीगुड़ी वासियों के लिए एक बड़ा तोहफा लेकर आ रही है. लेकिन यह तोहफा क्या होगा, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है. पर यह तय हो चुका है कि सिलीगुड़ी वासियों को तोहफा मिलेगा.
सिलीगुड़ी वासियों को यह तोहफा पेयजल परियोजना के रूप में मिल सकता है. क्योंकि सिलीगुड़ी में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति और मांग से कम जलापूर्ति एक बड़ी समस्या है. सिलीगुड़ी में पेयजल की 77 मिलीयन लीटर की मांग रहती है जबकि 55 मिलीयन लीटर ही जल की आपूर्ति हो पाती है. पिछले कई दिनों तक सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ था.
वास्तव में सिलीगुड़ी में पेयजल संकट के लिए पुराने तौर तरीके और सिस्टम जिम्मेवार है.यहां 1994 की जल परियोजना और पाइपलाइन का इस्तेमाल आज भी हो रहा है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के इंटेक्स पॉइंट अथवा एक से अधिक जलाशय ना होने के कारण कभी-कभी इसके अंदर बालू आदि घुस जाने से पानी की आपूर्ति बंद कर देनी पड़ती है. जब तक एक नई वैकल्पिक पेयजल परियोजना सिलीगुड़ी को मिल नहीं जाती, तब तक यहां पेयजल संकट बना रहेगा.
उम्मीद की जा रही है कि कुछ इस तरह की घोषणा नए साल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिलीगुड़ी के लिए कर सकती है. स्वयं सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने भी इस बात का संकेत दे दिया है. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि निश्चित रूप से वह तोहफा क्या होगा,जिसका उद्घाटन अथवा शिलान्यास मुख्यमंत्री अथवा सरकार का कोई प्रतिनिधि या मंत्री कर सकता है.
मिली जानकारी के अनुसार नए साल पर सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक की समस्या तथा इसके सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है. सिलीगुड़ी नगर निगम की विभिन्न योजनाओं में शहर में बाहर से आने वाली बड़ी यात्री बसों की एंट्री रोकने के संबंध में फैसला लिया जा सकता है. वर्तमान में बाहर से आने वाली बसें सिलीगुड़ी में प्रवेश कर रही है, जिसके वजह से आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या देखी जाती है. अब तक के अध्ययनों से पता चलता है कि शहर में बड़ी बसों के प्रवेश के कारण जाम की समस्या गंभीर हो जाती है.
नए साल पर सिलीगुड़ी नगर निगम की कार्यशैली तथा उसके सिस्टम में भी सुधार देखा जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि नगर निगम के कार्य करने के तरीके बदलने जा रहे हैं. निगम का आधुनिक पद्धति से विकास किया जाएगा. शनिवार को इसका संकेत तब मिल गया, जब सिलीगुड़ी नगर निगम के कर्मचारियों को कर संग्रह करने के लिए पी ओ एस मशीनें दी गई. अब तक पुराने तरीके से ही यहां टैक्स कलेक्शन होता रहा है.
नए साल पर आपके जीवन में कुछ बदलाव आए या ना आए परंतु सिलीगुड़ी के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में कुछ ना कुछ बदलाव जरूर आ सकता है. अगर यहां पेयजल परियोजना पूरे दमखम के साथ आती है तब भी यही समझा जाएगा कि कम से कम सिलीगुड़ी वासियों को पीने का पूरा पानी तो मिलेगा! वैसे अभी सस्पेंस बना हुआ है. पर्दा अगले हफ्ते उठने जा रहा है.