पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस को जान का खतरा है. इंटेलिजेंस ब्यूरो आईबी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी और गृह मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है. अब राज्यपाल हमेशा जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में रहेंगे. केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के कमांडो राज्यपाल को सुरक्षा प्रदान करेंगे.
राज्यपाल आनंद बोस मृदुभाषी तथा मिलनसार व्यक्ति हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनका बहुत अच्छा संबंध है. पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल आनंद बोस की तारीफ भी की है.राज्य के प्रशासनिक कार्यों में भी आनंद बोस सरकार को सहयोग देते रहे हैं.तृणमूल कांग्रेस भी आनंद बोस का समर्थन करती है. इन सबके बावजूद राज्यपाल की जान को खतरा क्यों है.
आपको बताते चलें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो ने राज्यपाल के ऊपर खतरे का आकलन करते हुए एक threight परसेप्शन रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी थी. वास्तव में अगर राज्यपाल सी वी आनंद बोस की पृष्ठभूमि को देखें तो ऐसा नहीं है कि राज्यपाल पहली बार में ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बन गए हैं. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने से पहले आनंद बोस चुनाव के बाद राज्य में उत्पन्न हिंसा की जांच कमेटी में शामिल थे.
जानकार मानते हैं कि राज्यपाल को ऐसे ही लोगों से जान का खतरा हो सकता है जो यह समझते हैं कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के कारण भविष्य में उन पर गाज गिरने वाली है. मालूम हो कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पश्चिम बंगाल राज्य में भारी हिंसा हुई थी. इसके बाद ही एक जांच कमेटी का गठन किया गया था. इसी कमेटी में राज्यपाल आनंद बोस भी शामिल थे.
डॉ आनंद बोस को नवंबर 2022 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.