हमारे देश में विभिन्न जाति एवं धर्मों के लोग निवास करते हैं. ठीक उसी तरह से देश में वायरस की कई प्रजातियां हैं. कुछ समय पहले देश को कोरोनावायरस से राहत मिली तो पश्चिम बंगाल में एडिनोवायरस ने धमक दे दी. अब एक और वायरस एच3एन2 ने देश को डराना शुरू कर दिया है. इस वायरस के बारे में कहा जाता है कि मौसम में बदलाव के साथ यह एक्टिव होता है और तेजी से फैलता है. हालांकि कोरोना की तरह यह जानलेवा नहीं है.
अब तक इस वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है. हरियाणा और कर्नाटक में एक एक मरीज की मौत हुई है.अब तक इस वायरस के 90 मामले सामने आए हैं. एम्स के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने पिछले दिनों h3n2 इन्फ्लूएंजा से लोगों को सावधान रहने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि यह कोरोनावायरस के जैसा ही फैलता है. इसलिए जरूरी है कि आप मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
सिलीगुड़ी में भी लोग खांसी सर्दी, बुखार से पीड़ित हैं. हर दूसरे घर में कोई ना कोई ऐसे लक्ष्मण से पीड़ित व्यक्ति मिल जाएगा. अगर घर में किसी सदस्य को यह लक्षण है तो बहुत ही जल्द घर के दूसरे सदस्य भी संक्रमित हो जाते हैं. आम धारणा है कि यह मौसमी संक्रमण है,जो कुछ दिनों के बाद अपने आप ठीक हो जाएगा. क्योंकि इस तरह के लक्षण एडिनोवायरस,H3N2 का भी है. ऐसे में दहशत तो होगी ही.
क्योंकि यह संक्रमण सबसे ज्यादा बच्चों को अपना शिकार बना रहा है.ऐसे में माता-पिता का चिंतित होना स्वभाविक है. पिछले कुछ दिनों में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 12 बच्चों को सर्दी खांसी और बुखार के साथ भर्ती कराया गया. हालांकि इनमें से ज्यादातर बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं. यह कोई नया वायरस नहीं है. पहले भी यह वायरस था और आज भी है. परंतु इसका रूप बदल चुका है. चिंता की बात तो यह है कि इस बार बुखार, सर्दी-जुकाम सूखी खांसी के साथ साथ पीड़ित को सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है.
यह एडिनोवायरस है या नहीं, पहले इसकी जांच की सुविधा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं थी, परंतु अब यह सुविधा शुरू हो चुकी है. हाल ही में आईसीएमआर और एन आई सी ई डी ने एक सर्वेक्षण किया है, जिसमें देश में एडिनोवायरस के 38% मामले पश्चिम बंगाल से पाए गए हैं. कोलकाता में एडिनोवायरस काफी पहले से ही तहलका मचा रहा है.
इस बीच देश में बढ़ रहे वायरस संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट रहने को कहा है. इसके साथ ही स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की है. नीति आयोग ने मौसमी इन्फ्लूएंजा की स्थिति की समीक्षा करने तथा बढ़ते मौसमी इनफ्लुएंजा मामलों के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, प्रबंधन दिशा निर्देशों तथा प्रोटोकॉल के संदर्भ में आज अंतर मंत्रालय की बैठक बुलाई है. देखना है कि इस बैठक में क्या कुछ निकल कर सामने आता है.परंतु लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि वायरस के इलाज के लिए कोई अनुमोदित दवा या कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है.

 
					 
					 
					 
																		 
																		 
																		 
																		 
								