November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के निकट नदियों से अवैध खनन रोकने की प्रशासन की फुलप्रूफ तैयारी!

सिलीगुड़ी के लोग शायद भूले नहीं होंगे, जब होली से 1 दिन पहले बालासन नदी अवैध खनन के क्रम में 3 बच्चों की दबकर मौत हो गई थी. इस घटना के बाद प्रशासन की ना केवल नींद खुल चुकी है बल्कि वह एक्शन में भी आ चुका है.

सिलीगुड़ी के निकट बहने वाली नदियां महानंदा, पंचनई, बालासन आदि में अवैध रूप से बालू उत्खनन का कार्य काफी समय से चल रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि इन नदियों में रात में उत्खनन का कार्य होता है, लेकिन इसे रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. किसी भी नदी में रात के समय उत्खनन का कार्य नहीं किया जा सकता. ऐसे में कुछ लोग रात में नदियों में उत्खनन का काम किसकी शह पर करते हैं!

जाहिर है कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है. देर से ही सही प्रशासन अब सजग हुआ है और अवैध रूप से उत्खनन पर पूर्ण विराम लगाने की चेष्टा कर रहा है. आज इलाके में ऐसी अवैध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से 2 चेक पोस्ट भी खोल दिए गए हैं. एक चेक पोस्ट फांसीदेवा इलाके में जबकि दूसरा चेकपोस्ट माटीगाड़ा क्षेत्र में है. इसके अलावा जिला प्रशासन उन सभी उपायों को अपनाने पर बल दे रहा है जिससे कि नदियों से अवैध उत्खनन पर पूरी तरह रोक लग सके.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध उत्खनन रोकने के संदर्भ में ऊपर से बढ़ते दबाव के चलते दार्जिलिंग के जिलाधिकारी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं तथा वे खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.सूत्रों ने बताया कि अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. जिन इलाकों में अवैध खनन होता है उन इलाकों को चिन्हित कर लिया गया है. असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस की कई टीमें सादी वर्दी में भ्रमण कर सकती है.

सूत्रों ने बताया कि प्रशासन की ओर से टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है, जो ऐसे अवैध उत्खनन के काम में लगे लोगों की शिनाख्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने में योगदान देगा. यूं तो नदियों से उत्खनन कोई पहली घटना नहीं है.समय-समय पर ऐसी घटनाएं प्रकाश में आती है. कुछ दिनों तक पुलिस की कार्रवाई के बाद सब कुछ शांत हो जाता है.

पर यह ऐसा मामला है जहां राजस्व को करोड़ों का नुकसान पहुंचता है.ऐसे में जाहिर है कि राज्य सरकार कार्रवाई तो करेगी ही. सूत्रों ने बताया कि सरकार का दबाव बढ़ने के बाद प्रशासन पूरा एक्शन में आ चुका है. ऐसे में संभव है कि आगामी कुछ दिनों में नदियों में अवैध उत्खनन के कार्यों पर पूरी तरह रोक लग सके!

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