जब आप कार अथवा बस से लंबी दूरी की यात्रा करते हैं तो जगह-जगह हाईवे अथवा एक्सप्रेस वे पर टोल नाके होते हैं. टोल नाके पर गाड़ियों को रोकना पड़ता है. और जब तक टैक्स क्लियर नहीं हो जाता, तब तक गाड़ियां आगे नहीं बढ़ सकती. इसमें समय तो लगता ही है. साथ ही अन्य परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती है. लेकिन बहुत जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगे टोल बूथ से आपको निजात मिलने जा रही है!
उत्तर बंगाल में अनेक टोल बूथ हैं. सिलीगुड़ी से बस अथवा कार से कहीं भी जाते हैं तो टोल बूथ से गुजरने वाली गाड़ियों को टैक्स भरने के बाद ही जाना होता है. बहुत जल्द यह सब आपको देखने को नहीं मिलेगा. क्योंकि सरकार टोल बूथों को बंद करने जा रही है. अब आप कहेंगे कि जब टोल प्लाजा नहीं होंगे तो क्या पथ निर्माण विभाग आपसे टैक्स नहीं लेगा? तो ऐसी बात नहीं है. सरकार आपको कुछ भी फ्री देने के लिए तैयार नहीं है . टैक्स तो आपको देना ही होगा लेकिन वह तरीका ऐसा होगा कि आपको कहीं गाड़ी रोकने की आवश्यकता नहीं होगी. यह टोल कलेक्शन जीपीएस के जरिए हो सकता है या फिर किसी अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि टोल बूथ को लेकर वह कोई नया प्रयोग करने जा रहे हैं. यह नया प्रयोग जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन होगा. इसके पूरे आसार हैं. स्वयं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा भी है कि जिस टेक्नोलॉजी का विकास किया जा रहा है, वह कुछ ऐसा ही है. इसमें थोड़ा समय लग सकता है परंतु साल बीतते बीतते देश के टोल बूथ खत्म हो जाएंगे.
गाड़ी चालक और निजी वाहनों के मालिक उत्सुक हो रहे हैं कि आखिर यह सिस्टम कैसे काम करेगा. तो सूत्र बता रहे हैं कि टोल के लिए एक कंप्यूटरीकृत डिजिटलाइजड सिस्टम बनाया जाएगा. इसी नई टेक्नोलॉजी पर फिलहाल काम चल रहा है. गाड़ी वालों से टोल वसूलने के लिए सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है. अगर जीपीएस सिस्टम लागू होता है तो वाहन मालिक के बैंक खाते से टोल वसूला जाएगा. जबकि अगर दूसरे विकल्प पर बात करें तो यह विकल्प है नंबर प्लेट का.
इसमें पुरानी नंबर प्लेट को नई प्लेट से बदल दिया जाएगा और इसके बाद कंप्यूटराइज्ड प्रणाली के जरिए एक सॉफ्टवेयर की मदद से टोल की वसूली की जाएगी. वर्तमान में इन्हीं दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. हालाकी अभी यह फैसला नहीं हो सका है कि टोल बूथ समाप्त करने के बाद कौन से विकल्प पर काम होगा. वर्तमान में टोल टैक्स की वसूली दो तरीकों से की जाती है.
पहला तरीका फास्टैग है. दूसरा तरीका है टोल बूथ पर नगद भुगतान. हमारे देश में लगभग 93% वाहनों पर फास्टैग लग चुका है. जबकि 7% वाहन अभी भी बगैर फासटैग के चल रहे हैं. आपको बताते चलें कि फासटैग को 2016 में लाया गया था. जनवरी 2022 से इसे अनिवार्य कर दिया गया. अगर कोई वाहन चालक fastag से टोल नहीं देता है तो उसे अतिरिक्त रुपए का भुगतान करना होता है!