विकास सरकार को रिहा कराने की मांग को लेकर सिलीगुड़ी थाना पर धरना देने वाली भाजपा को आज बड़ी राहत मिली, जब कोर्ट ने विकास सरकार को जमानत पर रिहा कर दिया. सिलीगुड़ी में आज निगम की बजट चर्चा में भी विकास सरकार की गिरफ्तारी का मुद्दा उठा. अंततः कोर्ट के द्वारा विकास सरकार को जमानत पर रिहा करने के आदेश के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं ने कोर्ट का धन्यवाद अदा किया और सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और चेयरमैन प्रतुल चक्रवर्ती को आड़े हाथों लिया.
बताते चलें कि यह पूरा मामला सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 24 के कांग्रेस कार्यालय पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा कब्जा करने के क्रम में उठा. चर्चा है कि फुलेश्वरी में पहले कांग्रेस का जो कार्यालय था उस पर तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से किसी समझौते के तहत उस पर अपना अधिकार कर लिया था. जब इसकी जानकारी स्थानीय भाजपा नेता विकास सरकार को हुई तो वह भी मौके पर पहुंच गए. उनका दावा था कि यह भाजपा का कार्यालय है जिसे तृणमूल कांग्रेस दखल नहीं कर सकती!
उधर मौके पर सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार भी पहुंच गए. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कार्यालय का ताला खोलकर प्रवेश किया. जिसका विरोध विकास सरकार ने किया. सिलीगुड़ी थाने की पुलिस ने विकास सरकार को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें थाने पर लेकर आई.
जैसे ही घटना की खबर भाजपा सिलीगुड़ी के जिला संगठन के अध्यक्ष सह माटीगाडा के विधायक आनंदमय बर्मन तथा सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष को हुई तो वह भी थाने पहुंच गए और विकास सरकार को रिहा करने की मांग में प्रदर्शन करने लगे. देखते देखते कई और भाजपा नेता सिलीगुड़ी थाना पहुंच गए और धरने पर बैठ गए.
देर रात तक सिलीगुड़ी थाने पर भाजपा नेताओं का धरना प्रदर्शन जारी रहा. आज कोर्ट ने विकास सरकार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया तो आनंदमय वर्मन ने कहा कि माननीय कोर्ट का आदेश सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर तमाचा है. उन्होंने कहा कि विकास सरकार की अवैध ढंग से गिरफ्तारी की गई थी. आज कोर्ट ने यह साबित कर दिया. सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने भी सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था की गिरती स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि माननीय अदालत का जमानत का फैसला यह दर्शाता है कि सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब हुई है.