सिलीगुड़ी का विधान मार्केट काफी चर्चित और सिलीगुड़ी का सबसे पुराना और बड़ा मार्केट है. विधान मार्केट से लगते कई इलाके इसी के अंतर्गत आते हैं. जैसे हांगकांग मार्केट, सेठ श्रीलाल मार्केट, इत्यादि. इस विधान मार्केट में हजारों छोटी बड़ी दुकानें हैं. इस बृहद मार्केट में सब चीज उपलब्ध है.यही कारण है कि माल बाजार और पहाड़ी क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग यहां खरीदारी के लिए आते हैं. यह एक थोक बाजार भी है. इसलिए पहाड़ और समतल के छोटे बड़े दुकानदार यहां व्यापार के लिए आते हैं. दशकों से स्थानीय व्यापारी और दुकानदार यहां दुकान लगाते आ रहे हैं. लेकिन इन व्यापारियों को अपनी दुकान या कार्य स्थल का मालिकाना हक नहीं मिला है. जिसके लिए वह लंबे समय से आंदोलन करते आ रहे हैं.
विधान मार्केट का मसला इतना पेचीदा है कि उसे सुलझाने के लिए स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, एस जे डी ए के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी पूर्व में काफी प्रयास किए. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका. प्रशासन का साफ कहना है कि यहां अनेक व्यापारियों ने अवैध रूप से दुकानें खड़ी की है जबकि व्यापारियों का कहना है कि उनकी दुकान अवैध नहीं है. यह वर्षों से दुकान लगाते आ रहे हैं.उनका यह भी कहना है कि अगर प्रशासन सहयोग करे तो वे अपनी दुकान को व्यवस्थित कर सकते हैं. लेकिन उन्हें जमीन का मालिकाना हक मिलना चाहिए. एसजेडीए उन्हें जमीन का मालिकाना हक देने के पक्ष में नहीं है. क्योंकि इसमें कई तकनीकी अड़चनें भी है.
पिछले दिनों विधान मार्केट के व्यापारियों के साथ दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू विष्ट ने बैठक करके इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना लिया. राजू बिष्ट ने विधान मार्केट के व्यापारियों के साथ एक जुटता दिखाते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा विधान मार्केट के व्यवसायियों के साथ है. राज्य में भाजपा की सरकार अथवा लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां अधिक सीटें जीत दर्ज करती है तो विधान मार्केट के व्यापारियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
16 अगस्त को स्थानीय प्रशासन और सरकार पर दबाव बनाने के लिए विधान मार्केट के व्यवसायियों ने एकजुटता दिखाते हुए 24 घंटे का बंद बुलाया. विधान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के बैनर तले व्यापारी एकजुट हुए और अपनी पुरानी मांग के समर्थन में एक विशाल जुलूस निकाला. विधान मार्केट के व्यापारियों की एकजुटता ऐसी है कि हड़ताल के दिन यहां एक भी दुकान नहीं खुली थी. एसोसिएशन का स्पष्ट कहना है कि यह तो एक ट्रेलर मात्र है.उनकी लड़ाई और जोरदार तरीके से चलती रहेगी.
मई 2024 में लोकसभा का चुनाव है. विधान मार्केट के व्यापारियों को लगता है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार उनकी मांगों पर विचार कर सकती है. क्योंकि भाजपा ने पहले ही विधान मार्केट के व्यापारियों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन कर दिया है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस भी नहीं चाहेगी कि व्यापारी नाराज हो. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहेंगी. क्योंकि इंडिया गठबंधन की तरफ से उन्हें संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है. कम से कम उनकी पार्टी तो ऐसा ही मानती है. लेकिन ऐसा तभी होगा जब ममता बनर्जी बंगाल से अधिक से अधिक लोकसभा सीटें जीतकर दिखाएं.
इसलिए विधान मार्केट व्यवसाय समिति और विधान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन विधान मार्केट मुद्दे पर अपनी लड़ाई और तेज कर सकते हैं. ताकि सरकार के कानों तक उनकी आवाज पहुंच सके. सूत्र बता रहे हैं कि 16 अगस्त को व्यापारियों ने अपनी दुकान बंद करके सरकार को एक संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में वे इससे भी बड़ा आंदोलन कर सकते हैं. ऐसा लगता है कि विधान मार्केट का मुद्दा फिलहाल सुलझने वाला नहीं है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह व्यापारिक कम और राजनीतिक मुद्दा ज्यादा हो गया है. कम से कम लोकसभा चुनाव तक यह मुद्दा जारी रह सकता है. आने वाले समय में विधान मार्केट व्यवसाय समिति के लोग एक बार फिर से मालिकाना हक को लेकर व्यापक आंदोलन कर सकते हैं.