November 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिसः अपराधी फिट पुलिस अनफिट!

सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत 6 थाने आते हैं. सिलीगुडी पुलिस स्टेशन हो या भक्तिनगर पुलिस स्टेशन, प्रधान नगर पुलिस स्टेशन अथवा माटीगाड़ा पुलिस स्टेशन या फिर बागडोगरा पुलिस स्टेशन, सभी थानों और आसपास के पुलिस महकमा क्षेत्र में अब वह हलचल और गतिविधियां नहीं देखी जा रही है जो किसी समय सिलीगुड़ी में देखी जाती थी.

कोई ज्यादा समय नहीं हुआ. सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा के कार्यकाल में पुलिस का फिटनेस दिखाई देता था. पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा खुद फिट रहते थे और पुलिस को भी फिट रहने की सलाह देते थे. यह गौरव शर्मा ही थे जब उन्होंने पुलिस अधिकारियों को लेकर फिटनेस मंत्र दिया था और पुलिस अधिकारियों को सड़कों पर दौड़ाया था. इसमें वह खुद भी आगे आगे रहते थे. गौरव शर्मा की छवि सिंघम की बन चुकी थी. अपराधी उनसे डरते थे. गौरव शर्मा ने सिलीगुड़ी महकमा के सभी थानों को चुस्त-दुरुस्त कर रखा था.

आज सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के वर्तमान परिदृश्य पर नजर डालते हैं तो यह सब कुछ नहीं दिखाई देता है.ना तो कहीं पुलिस दौड़ का आयोजन होता है और ना ही सड़कों पर पुलिस मॉर्निंग वॉक करती नजर आती है. पुलिस अपराधियों को पकड़ने में भी सुस्त तरीका अपनाती है. इसका फायदा अपराधियों को भी मिल रहा है. सिलीगुड़ी के कई जाने-माने लोगों का मानना है कि वर्तमान में पुलिस अनफिट है जबकि अपराधी फिट हो गए हैं.इसका प्रमाण भी कई पुलिस थानों में मिल चुका है.

भक्ति नगर पुलिस स्टेशन, प्रधान नगर पुलिस स्टेशन समेत कई पुलिस स्टेशनों में अपराधियों की दबंगई की छवि कैमरे में कैद हो चुकी है. अपराधियों को जरा भी पुलिस का खौफ नहीं है. ऐसा लगता है कि पुलिस सिर्फ खानापूरी करना चाहती है. उसे यह मतलब नहीं है कि अपराधी पुलिस और कानून से डरता है या नहीं डरता है. यह भी सच है कि कई बार कुछ मामलों में पुलिस को दबाव में भी काम करना पड़ता है. इस कारण से पुलिस का उत्साह कम हो जाता है.

. आलोचकों का कहना है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की छवि वर्तमान में अच्छी नहीं कही जा सकती. कई पुलिस अधिकारी अपने बढ़ते हुए पेट को कम करने के लिए तैयार नहीं है. जबकि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस को चुस्त और फिट रहने की सलाह देते हुए अपने बढ़ते हुए पेट को कम करने की सलाह दी थी. स्वयं पूर्व पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने भी सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अधिकारियों को नसीहत दी थी कि पेट को कम करके ही पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रति ज्यादा जागरूक रह सकती है. वह अपना काम और अच्छे तरीके से कर सकती है.

वर्तमान में सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर अखिलेश कुमार चतुर्वेदी है, जो इतना व्यस्त रहते हैं कि उनके पास पुलिस महकमा के अधिकारियों के लिए दौड़, मॉर्निंग वॉक अथवा अन्य शारीरिक गतिविधियों का आयोजन करने के लिए वक्त ही नहीं है. ऐसे में तो वही होगा जो अपराधी चाहते हैं. अपराधी में पुलिस और कानून का खौफ पैदा करने के लिए जरूरी है कि पुलिस की छवि और उसकी पर्सनलिटी में आवश्यक सुधार हो. लॉकअप में अपराधी सर झुका कर रहे ना कि सर उठाकर. यह सब तभी होगा जब पुलिस की छवि में सुधार होगा. समय का तकाजा है कि एक बार फिर से सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस अपनी पुरानी छवि और तेवर में नजर आए!

लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है. बल्कि यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि बंगाल के अन्य छोटे शहरों से सिलीगुड़ी मेट्रो पुलिस अच्छा काम कर रही है. आए दिन सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के विभिन्न थानो के अधिकारी विभिन्न मामलों में संलग्न अपराधियों की धर पकड़ करते हैं तथा शहर से नशा उन्मूलन के साथ-साथ चोरी, तस्करी और दूसरे गलत कामों को रोकने की दिशा में भी काम करते हुए अपराधियों की चेन को काट रहे हैं.

परंतु यह पर्याप्त नहीं है.क्योंकि सिलीगुड़ी के लोग अपनी पुलिस से कुछ ज्यादा ही उम्मीद रखते हैं. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और पुलिस कमिश्नरेट को सिलीगुड़ी की जनता की उम्मीद की कसौटी पर खरा उतरने की जरूरत है. दुर्गा पूजा करीब है. उससे पहले सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस को अपनी छवि में सुधार करने की जरूरत है. साथ ही काफी पीछे छूट गए मॉर्निंग वॉक, दौड़ प्रतियोगिता, समेत अन्य पुलिस गतिविधियों को भी फिर से शुरू करने की जरूरत है, ताकि अपराधियों में खौफ पैदा हो!

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