बरसात के मौसम में बंद रखे गए Dooars के जंगल 16 सितंबर से पर्यटकों के लिए खोले जा रहे हैं. गोरूमारा और जल्दापाड़ा Dooars के प्रसिद्ध ऐतिहासिक जंगल हैं. उनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर भी होती है. यहां वन्य जीवन विहार के लिए देश और विदेशों से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. दोनों ही उद्यान सिलीगुड़ी के निकट स्थित हैं. 16 सितंबर से पर्यटकों के लिए खोले जा रहे हैं.
चालसा के पास गोरूमारा जंगल स्थित है. यह काफी विस्तृत है. इस जंगल में हाथी और अन्य वन्य जीव रहते हैं. इस उद्यान में अब हाथी की सफारी शुरू की जा रही है. यहां जल्दापारा राष्ट्रीय उद्यान से दो हाथियों को लाया गया है. 16 सितंबर से ही गोरूमारा जंगल में हाथी की सफारी शुरू हो जाएगी. पर्यटकों के लिए यह एक अच्छी खबर है. अब तक उत्तर बंगाल के जंगल काफी वीरान और सुनसान नजर आ रहे थे. लेकिन 16 सितंबर से यहां चहल-पहल बढ़ जाएगी.
अगर आप गोरूमारा जंगल विहार करना चाहते हैं तो सिलीगुड़ी से कार अथवा टैक्सी से गाजोलडोबा होते हुए गोरूमारा जा सकते हैं. इस जंगल में 24 पालतू हाथी हैं. कुछ हाथियों को प्रशिक्षित किया गया है. वन विभाग इन हाथियों से पेट्रोलिंग करवाता है. अलीपुरद्वार जिले में जल्दापारा राष्ट्रीय उद्यान है, जो विश्व विख्यात है. यहां से दो हाथियों को गोरुमारा लाया गया है. यह दोनों हाथी पर्यटकों का मनोरंजन करेंगे. इसलिए इन्हें सफारी के ख्याल से ही लाया गया है.
जल्दापारा में पहले से ही हाथी सफारी चली आ रही है. लेकिन गोरु मारा में ऐसा नहीं था. पहली बार वहां पर्यटकों के लिए हाथी सफारी शुरू की जा रही है. इससे गोरुमारा उद्यान का महत्व बढ़ गया है. दुर्गा पूजा के समय काफी संख्या में यहां पर्यटक आते हैं. पर्यटन विभाग की योजना हाथी सफारी के जरिए कमाई को बढ़ाना है. राज्य पर्यटन और वन विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है.
गोरुमारा के पास काफी संख्या में लॉज और कॉटेज हैं, जो वीरान पड़े हैं. क्योंकि जंगल में हाथी सफारी नहीं होने से पर्यटक यहां आना बेकार समझते हैं. लेकिन अब पर्यटकों को जंगल में मौज की अनुभूति होगी. इसके साथ ही कॉटेज में भी चहल-पहल बढ़ जाएगी. काफी समय से कॉटेज वाले घाटे में चल रहे थे. लेकिन अब उन्हें लगता है कि जल्द ही उनके भी दिन फिरेंगे.
Dooars टूरिज्म डेवेलपमेंट फोरम का मानना है कि 16 सितंबर से उत्तर बंगाल और Dooars के जंगल एक बार फिर से हरे भरे नजर आएंगे. जंगल के पास बसे कॉटेज और होटल में कमरे की बुकिंग शुरू हो गई है. अब तक उत्तर बंगाल के जंगल शांत और रहस्य से भरे थे.16 सितंबर से उनके रहस्य के एक-एक पर्दे खुलते चले जाएंगे. इस तरह से Dooars का पर्यटन व्यवसाय पहले की तरह ही परवान चढ़ने लगेगा.