सट्टेबाजी कानूनन अपराध है. कानून सबके लिए बराबर है. यह कानून सामान्य जनता और पुलिस अधिकारी सभी पर समान रूप से लागू होता है. अगर कोई जिम्मेदार व्यक्ति कानून से खिलवाड़ करता है और अपनी ड्यूटी का सही तरीके से निर्वाह नहीं करता है,तो कानून के अनुसार वह सजा का पात्र बन जाता है. चाहे वह पुलिस वाला ही क्यों ना हो!
महाराष्ट्र पुलिस ने अनुशासन, सेवा, सिविल सर्विस का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है. महाराष्ट्र पुलिस ने अपने एक पुलिसकर्मी को इसलिए सेवा से निलंबित कर दिया, क्योंकि वह अपनी ड्यूटी के समय सट्टेबाजी पर अपनी किस्मत आजमा रहा था. महाराष्ट्र पुलिस का यह दरोगा सोमनाथ झेंडे है. वह पिंपरी चिंचवड कमिश्नरेट में तैनात था. उसने फेंटेसी क्रिकेट ऐप dream11 में डेढ़ करोड़ रुपये जीता है. अब महाराष्ट्र पुलिस ने उसे सेवा से निलंबित कर दिया है.
इन दिनों विश्व वर्ल्ड कप चल रहा है. क्रिकेट प्रेमियों पर इसका बुखार सवार है. नौजवान और अधिकारी भी वर्ल्ड कप देख रहे हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन गेम पर भी दाव चला रहे हैं. शायद उनकी किस्मत खुल जाए. इस उम्मीद में पुलिस अधिकारी भी वर्ल्ड कप देखते हुए ऑनलाइन गेमिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. ऑनलाइन गेमिंग पर सट्टेबाजी कानूनन अपराध है. निलंबित दरोगा पर आरोप है कि उसने जनता की सेवा के दरमियां क्रिकेट मैच देखा और dream11 पर सट्टेबाजी खेलते हुए डेढ़ करोड़ रुपये जीता है. इसे पुलिस कमिश्नरेट ने गंभीरता से लिया है.
उस दिन इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच वर्ल्ड कप का मैच हो रहा था. सब इंस्पेक्टर सोमनाथ झेंडे ने ड्यूटी के दौरान फेंटेसी क्रिकेट ऐप dream11 पर दाव लगाया और लगभग डेढ़ करोड़ रुपये जीत लिए. इस खुशी में उसने वर्दी पहने ही एक इंटरव्यू दिया और उसमें dream11 का खूब प्रचार किया. इसके साथ ही उसने सट्टेबाजी की भी तारीफ की. यही पुलिस कमिश्नरेट को पसंद नहीं आया. इसकी जांच डीसीपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई. जांच अधिकारी ने दरोगा को ड्यूटी से खिलवाड़ करने तथा सट्टेबाजी का प्रचार करने का दोषी पाया और उसे सेवा से निलंबित कर दिया.
यह कहा जाता है कि महाराष्ट्र पुलिस सेवा और अनुशासन के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करती. चाहे वह बड़ा से बड़ा आदमी क्यों ना हो. महाराष्ट्र पुलिस सिविल सर्विस कंडक्ट रूल का पालन सभी पुलिसकर्मियों को करना पड़ता है. जांच अधिकारी ने दरोगा सोमनाथ झेंडे को सिविल सर्विस कंडक्ट रूल के उल्लंघन का दोषी पाया और तत्काल प्रभाव से उसे ड्यूटी से निलंबित कर दिया. सोमनाथ झेंडे इनाम जीतकर भी हार गया है. एक तरफ डेढ़ करोड़ रुपये इनाम जीतने की उसे खुशी है तो दूसरी तरफ अपनी नौकरी गंवाने का भी दुख है.