उत्तर बंगाल में अलग राज्य की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के तेवर लगातार गर्म हो रहे हैं. कुछ दिनों पहले सिलीगुड़ी में विमल गुरुंग और अन्य संगठनों के नेताओं ने उत्तर बंगाल में अलग राज्य की मांग को लेकर एक बैठक की थी. इस बैठक में एक रोड मैप तैयार किया गया था. विमल गुरुंग ने कहा था कि दीपावली और छठ पूजा के बाद इस पर अगली रणनीति बनाई जाएगी.
अब 19 नवंबर को इस मुद्दे पर 28 क्षेत्रीय संगठनों की एक आम बैठक हो रही है. यह बैठक मैनागुडी के जल्पेश में होगी. इस बैठक में उत्तर बंगाल के अंतर्गत पृथक राज्य की मांग करने वाले विभिन्न छोटे बड़े संगठनों के नेता भाग लेंगे और अपनी अगली रणनीति का खुलासा कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि 19 नवंबर को होने वाली बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इस बैठक में पृथक राज्य की मांग और संबंधित विषय को लेकर नेता खुलासा कर सकते हैं.
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल में अलग राज्य के समर्थन के मुद्दे पर निचले असम और उत्तर बंगाल के क्षेत्रीय संगठन एक साथ आए हैं. धीरे-धीरे उनके बीच समन्वय बन रहा है. कुछ मतभेद भी है. जिसे आपस में बैठकर दूर कर लेने का दावा किया जा रहा है. कुछ खुलासा हुआ है और कुछ खुलासा होना बाकी है. के एल ओ सुप्रीमो जीवन सिंह अलग भाषा और अलग राज्य की मांग करते हुए काफी समय से सशस्त्र आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीमो जीवन सिंह को हिंसात्मक आंदोलन से हटाकर अपनी हिरासत में लिया है.
19 नवंबर को क्षेत्रीय संगठनों की होने वाली आम बैठक में जीवन सिंह के पक्ष से भी बड़ी बात कही जा सकती है. के एल ओ संगठन शांति वार्ता चाहता है. लेकिन केंद्र ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है. कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी के अध्यक्ष अमित राय पृथक राज्य की मांग को लेकर कुछ ऐलान भी कर सकते हैं. एक दिन पहले जलपाईगुड़ी प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अमित राय ने किसी बड़े आंदोलन का संकेत भी दे दिया है.
विमल गुरुंग की पार्टी हमेशा से ही गोरखालैंड के पक्ष में रही है.विमल गुरुंग स्पष्ट कर चुके हैं कि यह उनकी पार्टी की मांग है. लेकिन जब हम किसी बड़े कैनवास पर लौटते हैं तो सभी की राय से एक प्रारूप तैयार करना होता है. सूत्रों ने बताया कि 19 नवंबर को होने वाली आम बैठक में इस प्रारूप की कुछ बातें उभर कर सामने आ सकती है.
सूत्र बता रहे हैं कि 2024 के आम चुनाव से पहले उत्तर बंगाल पृथक राज्य के मुद्दे पर गरमा सकता है. हालांकि संगठनों की ओर से दावा किया जा रहा है कि शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से ही पृथक राज्य के पक्ष में आंदोलन किया जाएगा. पर सूत्र बताते हैं कि जिन 28 क्षेत्रीय संगठनों ने यह आम बैठक बुलाई है, उनमें से कई संगठन सशस्त्र आंदोलन में विश्वास करते हैं. ऐसे में विभिन्न संगठनों के बीच इस मुद्दे पर भी आम राय कायम हो सके, ऐसा नहीं लगता है.बहरहाल यह देखना होगा कि जल्पेश में होने वाली अलग राज्य की मांग करने वाले संगठनों की बैठक से उनके आंदोलन की कौन सी बड़ी बात निकल कर सामने आती है.