पिछले कई दिनों से देश के कोने कोने से छठ पर घर जाने के लिए रेल गाड़ियों में यात्रियों की भीड़ देखी जा रही है. भीड़ भी ऐसी कि लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए जान की बाजी लगा लेते हैं. बहुत से यात्री गेट पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं. नई दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, कोलकाता आदि विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों की ऐसी भीड़ है कि पांव रखने की जगह नहीं है. सिलीगुड़ी में एनजेपी स्टेशन भी इससे अछूता नहीं है.
रेलगाड़ी प्लेटफार्म पर अभी लगती भी नहीं कि ट्रेन में घुसने के लिए लोग बेताब होने लगते हैं. कुछ लोग चलती ट्रेन में ही चढ़ जाते हैं, तो कई लोग चलती ट्रेन में चढ़ने के क्रम में गिरकर घायल भी हो जाते हैं. सूरत रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी में चढ़ने के लिए ऐसी भगदड मची कि कई यात्री घायल हो गए. उनमें से एक यात्री की मौत भी हो गई. देश के सभी बड़े शहरों में वर्तमान में यही आलम है.
पिछले कई दिनों से देश के विभिन्न बड़े शहरों में खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली रेल गाड़ियों में यात्रियों की भीड़ और उनके साथ हो रहे हादसों को देखते हुए अब भारतीय रेलवे ने छठ महापर्व पर घर जाने के लिए रेल यात्रियों के हक में एक बड़ा फैसला लिया है. अगर आप सिलीगुड़ी से छठ महापर्व पर ट्रेन से घर जाना चाहते हैं तो बेशक जा सकते हैं. क्योंकि एनएफ रेलवे ने छठ महापर्व पर 28 जोड़ी स्पेशल ट्रेने चलाने का फैसला किया है.
एनएफ रेलवे की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सभी गाड़ियां नियमित यात्री ट्रेनों के अतिरिक्त चलाई जा रही है. इसका सीधा अर्थ यह है कि छठ महापर्व पर घर जाने के लिए यात्रियों को अब ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. केवल उत्तर पूर्व रेलवे ही नहीं बल्कि देश के सभी मंडलों में भारतीय रेलवे के द्वारा यह कदम उठाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार 28 जोड़ी स्पेशल ट्रेने चलाई जा रही है.
यूं तो सिलीगुड़ी से बिहार और पूर्वांचल जाने के लिए अधिकतर यात्री बस का सहारा लेते हैं. छठ के समय बसों में भी जगह नहीं है. सिलीगुड़ी जंक्शन निजी बस ऑपरेटरस से मिल रही जानकारी के अनुसार उनकी बसों में भी जगह उपलब्ध नहीं है. ऐसे में जिन्हें छठ महापर्व पर घर जाना है, वह एकमात्र ट्रेन का ही सहारा ढूंढ रहे हैं. अब बिहार, कोलकाता और पूर्वांचल के लिए कई स्पेशल ट्रेनों में आपको सीट मिल सकती है.
मिली जानकारी के अनुसार नियमित ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की सुविधा के लिए अगरतला से गुवाहाटी, कोलकाता, सिकंदराबाद, रानी कमलापति, धुबरी से न्यू तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ से सिकंदराबाद, गोरखपुर तथा न्यू जलपाईगुड़ी से अमृतसर, सियालदह, हावड़ा आदि मार्ग में स्पेशल रेल गाड़ियां चलाई जा रही है. कटिहार से रांची मुंबई, अमृतसर तथा नाहर लागून से ओखा सिलचर तथा पूर्णिया से आनंद विहार टर्मिनस और गुवाहाटी से कोलकाता, रांची, उदयपुर आदि स्थानों के लिए भी स्पेशल रेल गाड़ियां चलाई जा रही हैं.
इन 28 जोड़ी स्पेशल ट्रेने चलने से उम्मीद की जा रही है कि यात्रियों को छठ महापर्व पर घर जाने के लिए रेलगाड़ियो में जगह मिल जाएगी. लोगों में चर्चा है कि भारतीय रेलवे को यह कदम पहले ही उठा लेना चाहिए. अगर रेलवे के द्वारा शुरू में ही यह कदम उठाया जाता तो आज देश के कोने-कोने में रेल गाड़ियों में रेलमपेल की इस तरह की खबरें नहीं आती. बहरहाल देर से ही सही, रेलवे ने एकदम उपयुक्त कदम उठाया है.