November 22, 2024
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उत्तर बंगाल राजनीति

नीतीश कुमार फिर से पलटी मार सकते हैं!

इस बात की पूरी संभावना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से पलटी मार सकते हैं और एनडीए में जा सकते हैं. बिहार में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार के बारे में यही कहा जाता है कि वह कब पलटी मार दें, यह खुद उन्हें भी पता नहीं होता. अब तक कई बार वह पलटी मार चुके हैं. एक बार फिर से जो हालात बन रहे हैं, उसको लेकर राजनीतिक हलकों में कयास लगाया जा रहा है कि वह एक बार फिर से एनडीए की तरफ जा सकते हैं.

आज नीतीश कुमार ने ललन सिंह को उनकी औकात दिखा दी. ललन सिंह जदयू के अध्यक्ष थे. लेकिन वह राजद के लिए काम कर रहे थे. नीतीश कुमार ने ऐसी चाल चली कि ललन सिंह को अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसका सीधा संकेत यह है कि नीतीश कुमार आरजेडी से दूरी बढ़ा रहे हैं. ललन सिंह चाहते थे कि जदयू को तोड़कर आरजेडी में मिला दिया जाए. लेकिन उससे पहले ही नीतीश कुमार ने उनका पत्ता साफ कर दिया.

नीतीश कुमार के पलटी मारने की कुछ वजह भी है. भले ही नीतीश कुमार एनडीए के साथ नहीं है, लेकिन कई मामलों में उन्होंने एनडीए का साथ भी दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खुलकर मिलना, अटल बिहारी वाजपेई के प्रति उनकी श्रद्धा और प्रेम किसी से छिपा नहीं है. इतना ही नहीं, बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के काफी करीब रहे हैं. ऐसा कोई मौका नहीं देखा गया जब नीतीश कुमार ने अरुण जेटली के कार्यक्रम में उपस्थित होकर उनकी तारीफ में दो शब्द ना बोले हो.

नीतीश कुमार ने स्वर्गीय अरुण जेटली की वार्षिकी में श्रद्धांजलि दी है.इससे पहले इसराइल और हमास की लड़ाई में या फिर हिंदू ग्रंथो पर राजद के कुछ नेताओं द्वारा की जाने वाली टिप्पणी पर भी जेडीयू ने खुद को हमेशा किनारे रखा. पिछले कुछ समय से राजद के साथ नीतीश कुमार सहज नहीं दिख रहे हैं. पटना में धुआं उठ रहा है. बतकही चल रही है कि नीतीश कुमार पलटी मारने वाले हैं. यह कुछ इसी तरह से होगा, जैसे आज उन्होंने सभी को चकित रखते हुए ललन सिंह को जदयू के अध्यक्ष पद से हटा दिया. कल तक मीडिया में खुद जदयू के नेता भी इस बात से इनकार कर रहे थे. लेकिन आज सारा देश इस सच को जान चुका है.

राजनीतिक विश्लेषक और पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार इसी तरह से चमत्कार दिखा सकते हैं. यानी वह राजग में जा सकते हैं. पटना में यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ जाने वाले हैं. उधर भाजपा भी नीतीश कुमार को अपनाने में ज्यादा विलंब नहीं लगाएगी.इसका कारण 2024 का लोकसभा चुनाव है. भाजपा चाहती है कि एनडीए बिहार में लोकसभा की कम से कम 35 सीटों पर जीत हासिल कर सके और यह तभी संभव होगा जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ हों.

नीतीश कुमार एक बेदाग नेता हैं. उन पर भ्रष्टाचार का कोई भी मामला नहीं है. वह परिवारवाद की राजनीति भी नहीं करते हैं. इसके अलावा वह एक अनुभवी नेता है. उन्होंने बिहार का एक लंबे अरसे तक पथ प्रदर्शन किया है. बिहार में जो विकास हुआ है, वह उनके मुख्यमंत्री काल में ही हुआ है. ऐसे में बीजेपी को लगता है कि अगर नीतीश कुमार उनके साथ होते हैं तो एनडीए बिहार में अच्छी खासी सीटें हासिल कर सकती है. चर्चा तो यह भी हो रही है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए में चले गए तो इंडिया गठबंधन का क्या होगा.

राजनीतिक विश्लेषक और जानकार लोगों के अनुसार इंडिया गठबंधन का खेल जल्दी खत्म होने वाला है. पश्चिम बंगाल में टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगी. इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने वाले नीतीश कुमार जब एनडीए में चले जाएंगे तो ऐसे में यह सोचा जा सकता है कि इंडिया गठबंधन का क्या वजूद रह जाएगा. बहर हाल अभी तो यह भीतरखाने की बात है. जल्द ही सच्चाई सामने आने वाली है.

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