November 22, 2024
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क्यों हटाए गए डीजीपी राजीव कुमार?

बंगाल समेत पूरे देश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सब कुछ चुनाव आयोग के हाथों में आ गया है. केंद्रीय चुनाव आयुक्त देश भर में निष्पक्ष और सही चुनाव कराने के लिए हर वह कदम उठा रहा है जो जरूरी भी है. आज केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने पश्चिम बंगाल राज्य के पुलिस महकमे के डीजी राजीव कुमार को उनके पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया.

चुनाव आयोग के फरमान के बाद राजीव कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह पर विवेक सहाय को यह जिम्मेदारी संभालने को दी गई है. आमतौर पर इस तरह के तमाम फैसले चुनाव के समय चुनाव आयोग के द्वारा किए जाते हैं. चुनाव आयोग को अगर किसी अधिकारी पर शक होता है तो वह इस तरह का फैसला लेने में पीछे नहीं रहता. क्योंकि चुनाव आयोग की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने की होती है.

आपको बता दूं कि राज्य के डीजी राजीव कुमार को पहले भी चुनाव आयोग चुनाव के दौरान हटा चुका है. इससे पहले राजीव कुमार को चुनाव आयोग दो बार उनके पद से हटा चुका है. 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले राजीव को उनके पद से हटाया गया था. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी राजीव को प्रति नियुक्ति के तौर पर दिल्ली भेजा गया था. बाद में राजीव कुमार लंबे समय तक केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव रहे.

राजीव कुमार पर कई आरोप लग चुके हैं. उनकी छवि एक विवादास्पद पुलिस अधिकारी की रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजीव कुमार की जगह पर विवेक सहाय को कमान सौंपा गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजीव कुमार के साथ ही गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को भी हटाने का आदेश जारी कर दिया है.

राजीव कुमार चुनाव के दौरान चुनाव संबंधी कोई भी संवैधानिक कार्य नहीं कर सकते हैं.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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