सिलीगुड़ी का थाना प्रधान नगर. ऐसा कोई भी दिन नहीं बीतता, जब सिलीगुड़ी के प्रधान नगर अथवा भक्ति नगर थाना के द्वारा असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार नहीं किया जाता हो! लेकिन आज हम प्रधान नगर थाना की बात कर रहे हैं, जिसने सिलीगुड़ी में डकैती के इरादे से आसपास के क्षेत्रो से आए चार युवकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया.
आपने इससे पहले भी सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के विभिन्न थानों के द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार करने और कोर्ट में पेशी के दौरान ले जाते समय उनकी अजीबोगरीब हरकतों के बारे में देखा सुना जरूर होगा. खबर समय में कई बार ऐसे अपराधिक तत्वों की फिल्मी और अजीबोगरीब हरकतों का वीडियो भी प्रसारित किया जाता रहा है.
आज एक बार फिर से एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे.इससे पता चलता है कि अपराधियों में पुलिस और कानून का कोई खौफ नहीं है. अपराधी पुलिस और कानून को अपनी सुरक्षा समझ कर ही कुछ ऐसी हरकत करते हैं, जिससे समाज में एक गलत संदेश जाता है. प्रधान नगर थाना की पुलिस ने डकैती के इरादे से प्रधान नगर थाना क्षेत्र में आए चार युवकों को धर दबोचा.
उनके नाम कृष्ण लामा, सुजीत राय,अनिल शर्मा और शिवा छेत्री है. कृष्ण गंगटोक का रहने वाला है और उसकी उम्र 22 साल है. सुजीत राय डाबग्राम का रहने वाला है. जबकि अनिल शर्मा गंगटोक का निवासी बताया जा रहा है. वहीं शिवा छेत्री मिरिक क्षेत्र का रहने वाला है. यह सभी चारों युवक प्रधान नगर थाना क्षेत्र में डकैती करने के इरादे से एकत्र हुए थे. लेकिन उससे पहले ही पुलिस को पता चल गया और पुलिस ने उन सभी को धर दबोचा.
जब पुलिस उन सभी को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही थी तभी उनमें से एक आरोपी ने यह हरकत कर दी, जिसे अश्लील इशारा माना जाता है. वह आरोपी पुलिस की मौजूदगी में मीडिया और आसपास के लोगों के सामने अपनी उंगली दिखाकर शायद यह बताना चाहता था कि उसे पुलिस और कानून का कोई डर नहीं है. हालांकि लोग इसे अश्लील इशारा भी बताते हैं. जो बेहद ही गंदा और शर्मनाक माना जाता है.
इससे पहले भी आपने भक्ति नगर थाना अथवा माटीगाड़ा थाना के द्वारा अपराधियों को हिरासत में लेने और उन्हें कोर्ट में ले जाते समय उनके फिल्मी डायलॉग और अकड़ की बातें सुनी होगी तथा उनके वीडियो भी देखे होंगे. लेकिन लोगों की माने तो आज का वीडियो बेहद ही शर्मनाक है. एक बार पुलिस और कानून को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि जब अपराधी में पुलिस और कानून का खौफ ही नहीं रहेगा, तब सामाजिक और संवैधानिक व्यवस्था भी कायम नहीं रह पाएगी! और तो और समाज में भी गलत संदेश जाता है.