लोकसभा चुनाव के बीच होली राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों के लिए कैसी रहेगी, इस सवाल का उत्तर देना एक आम व्यक्ति के लिए काफी आसान है. लेकिन उम्मीदवारों अथवा राजनीतिक दलों के लिए आसान नहीं है. भाजपा हो अथवा तृणमूल कांग्रेस या कांग्रेस कोई भी दल हो, फिलहाल इस सवाल से बचना चाहेगा. उम्मीदवार के दिलों की धड़कन असमंजस, अनिश्चितता और असुरक्षा से बढ़ रही है.
लेकिन इन सभी में राजू बिष्ट के दिल की धड़कन की गति असमान्य जरूर होती जा रही है. दार्जिलिंग संसदीय सीट के लिए भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है. 15 सालों के इतिहास पर नजर डाले तो भाजपा ने हमेशा ही दार्जिलिंग से एक नया चेहरा ही मैदान में उतारा है. राजू बिष्ट वर्तमान में भाजपा के सांसद हैं. लेकिन केंद्रीय हाई कमान क्या दोबारा राजू बिष्ट को यहां से उम्मीदवार बनाएगा? राजू बिष्ट के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता खामोश हैं और दिल्ली की ओर नजर जमाए हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सिलीगुड़ी आए थे, उस समय राजू बिष्ट को उनके साथ देखा गया था. अब उन्हें बहुत कम देखा जाता है. सोशल मीडिया और इंटरनेट पर भी कम सक्रिय नजर आते हैं. एक तरह से उन्होंने चुप्पी अख्तियार कर ली है. इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. भाजपा के कुछ कार्यकर्ता और नेता थोड़े से मायूस दिखते हैं. जबकि कुछ लोग कहते हैं कि शायद ही राजू बिष्ट को भाजपा टिकट दे सके. इस बात को खुद राजू बिष्ट भी समझ रहे हैं. फिर भी एक उम्मीद है.
राजू बिष्ट को लगता है कि इस बार भाजपा 15 सालों से चली आ रही अपनी परंपरा को बदल देगी यानी पुराने चेहरे पर ही भरोसा करेगी. हालांकि पार्टी के कुछ नेता ऐसा नहीं मानते हैं.उन्हें लगता है कि आखिरी समय में भाजपा हर्षवर्धन श्रींगला को मैदान में उतार सकती है. हालांकि राजू बिष्ट ऐसा नहीं मानते हैं. उन्हें लगता है कि इस सीट के लिए भाजपा या तो उन पर भरोसा करेगी या फिर कोई चमत्कारिक परिणाम सामने आ सकता है. यानी कोई फ्रेश चेहरा. इसके बारे में सोचा ना गया हो. भारतीय जनता पार्टी इस तरह के फैसले लेने के लिए जानी जाती है. फिलहाल राजू बिष्ट के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है.
15 मार्च के बाद से हमेशा सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाले राजू विष्ट की तरफ से ना तो इंटरनेट और ना ही सोशल मीडिया पर ज्यादा हलचल देखी जा रही है. वरना यही राजू बिष्ट हैं जो भाजपा सरकार के विकास कार्य, योजनाओं,दार्जिलिंग सिलीगुड़ी इत्यादि क्षेत्रों में भाजपा और केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम, अभियान इत्यादि से संबंधित समाचार ,फोटो और ग्रुप शेयर करते रहते थे. वे राज्य और केंद्र सरकार को भी विभिन्न मुद्दों को लेकर खत लिखते रहते थे. आजकल उनकी तरफ से सर गर्मी में कमी देखी जा रही है. आखिर इसका कारण क्या है?
दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस खेमे में उत्साह है. तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार गोपाल लामा अपने संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. अनित थापा का पूरा समर्थन प्राप्त है. समतल में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर और पूर्व राज्य मंत्री गौतम देव उनके साथ रहते हैं. तृणमूल कांग्रेस और उसके उम्मीदवार भाजपा की तरफ से घोषित उम्मीदवार की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हालांकि टीएमसी उम्मीदवार और टीएमसी के नेता होली के मूड में नजर आते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा खामोशी और सन्नाटा अभी भाजपा खेमे में ही देखा जा रहा है.
सिलीगुड़ी और पहाड़ में राजू बिष्ट के हजारों समर्थक हैं. वे सभी होली मनाने की तैयारी जरूर कर रहे हैं. लेकिन उनकी होली कैसी होगी, यह बीजेपी और केंद्रीय हाई कमान द्वारा बंगाल के लिए उम्मीदवारों की अगली लिस्ट जारी होने के बाद ही निर्भर करता है. अगर भाजपा ने परंपरा से हटकर पुराने चेहरे को ही टिकट दिया तो राजू बिष्ट पर होली का रंग चढ़े बगैर नहीं रहेगा. चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, लेकिन राजू बिष्ट ऐसा करके एक इतिहास कायम करेंगे. ऐसा समझा जा रहा है कि लिस्ट के आने के बाद ही राजू बिष्ट की खामोशी टूट सकती है!
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