आखिरकार प्रशासन ने टोटो के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर ही दी. फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोटो को चलने नहीं दिया जाएगा. सिलीगुड़ी के विभिन्न ट्रैफिक गार्ड्स की ओर से चलाए गए अभियान में विभिन्न इलाकों से काफी संख्या में अवैध टोटो को पकड़ा गया. खासकर ऐसे टोटो को निशाने पर लिया गया, जिनके पास टिन नंबर नहीं थे. लेकिन जो पंजीकृत टोटो थे, उन्हें भी समझा दिया गया कि आइंदा वे राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं चलेंगे.
कई टोटो वालों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. सिलीगुड़ी के दार्जिलिंग मोड, चेक पोस्ट, मेडिकल मोड़ के पास दिशान, हाशमी चौक, सेवक मोड इत्यादि विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक गार्ड्स की ओर से अभियान चलाया गया. कुछ देर के लिए टोटो वालों में दहशत फैल गई. अनेक टोटो वालों ने ट्रैफिक पुलिस से बचने के लिए बीच रास्ते में ही टोटो को मोड़ दिया. जहां-जहां धर पकड़ चलती रही, उन इलाकों में टोटो की अफरा तफरी देखी गई. हालांकि बाद में सब सामान्य हो गया.
आज विभिन्न इलाकों में अवैध टोटो की धर पकड़ करते हुए ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की ओर से उन्हें चेतावनी दी गई कि हाई कोर्ट के निर्देश का वह पालन करेंगे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोटो नहीं चलाएंगे. इसमें नंबर और बिना नंबर वाले दोनों प्रकार के टोटो शामिल थे. अनेक इलाकों में टोटो वालों ने वचन भी दिया कि वे नियमों का पालन करेंगे.
जैसा कि सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन पहले भी कह चुका है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोटो को चलने नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा निर्धारित योजना के अनुसार सिलीगुड़ी के विभिन्न मार्गों पर प्रशासन द्वारा चिन्हित रंगों के टोटो को चलने की अनुमति होगी. ऐसे टोटो को काला, नीला, पीला और लाल रंग से चिन्हित किया जाएगा. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर ने पहले भी यह बात कही थी कि हर टोटो को प्रशासन के नियमों का पालन करना जरूरी होगा. उदाहरण के लिए हिलकार्ट रोड में चलने वाले टोटो का रंग अलग होगा. इसी तरह से S F Road में चलने वाले टोटो का रंग अलग होगा और उसी रंग से टोटो की पहचान होगी कि वह किस इलाके के लिए अधिकृत किए गए हैं.
सिलीगुड़ी में टोटो को चलने से रोकने के लिए काफी समय से प्रशासन पर दबाव पड़ रहा था. पिछले 1 साल से सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन सिलीगुड़ी के विभिन्न संगठनों के लोगों और नागरिकों की शिकायतों को सुन रहा था. अनेक सर्वेक्षणों में अधिकारियों ने भी सिलीगुड़ी में ट्रैफिक जाम के लिए टोटो को ही जिम्मेदार बताया था. मेयर गौतम देव ने हाल ही में लोगों को भरोसा दिया था कि अगस्त महीने में टोटो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आज अगस्त महीने के पहले दिन ही गौतम देव के निर्देश पर पुलिस प्रशासन के ट्रेफिक गार्ड की ओर से यह कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
लेकिन सवाल यह उठता है कि सिलीगुड़ी के टोटो वाले क्या प्रशासनिक निर्देश का पालन भी कर सकेंगे? यह बात इसलिए कही जा रही है कि सिलीगुड़ी में 20-25 हजार से भी ज्यादा टोटो चल रहे हैं. एक टोटो की खरीद में सामान्य रूप से तीन से चार लाख रुपए खर्च होते हैं .सिलीगुड़ी में चलने वाले अनेक टोटो किस्त पर लिए गए हैं जिनकी भरपाई टोटो चालक दिनभर टोटो चलाकर पूरा करते हैं. ऐसे टोटो को अगर एक खास स्थान के लिए निर्दिष्ट करके रखा जाए तो क्या वर्तमान में जो इतनी कमाई कर रहे हैं, उसकी आधी भरपाई भी कर सकेंगे. शायद नहीं. बहरहाल यह देखना होगा कि टोटो वाले और उनकी यूनियन का अगला कदम क्या होता है.
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