September 19, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

हास्य कवि सम्मेलन ने 4 अगस्त को बना दिया यादगार !

सिलीगुड़ी: अगस्त का पहले इतवार की शाम सिलीगुड़ी वासियों के लिए एक यादगार दिन बन गई, क्योंकि इस दिन दिल्ली पब्लिक स्कूल डागापुर के सहयोग से खबर समय और रेडियो मिस्टी के सयुंक्त आयोजन में दूसरी बार हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था | इस महाकवियों के महामंच में पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, जो इस मंच पर दूसरी बार पधारे थे और दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र भी थे | उन्होंने बिना हँसे ही लोगों को ठहाके लगाने में मजबूर कर दिया | उनके द्वारा कही गई सूर्पनखा और लक्ष्मण की नाक काटने वाली पंक्तियों ने लोगों के अस्तित्व को झंझोड़ कर रख दिया, तो वहीं ”घोड़ा जीवन भर दौड़ता है वह 20 वर्ष तक जीवित रहता है और अजगर जो पड़ा रहता है कुछ नहीं करता, वह हजार वर्ष जीता” यह पंक्तियां सुनकर लोग अपनी कुर्सी में ही लोटपोट हो कर हँसने लगे |
दूसरी ओर हरियाणवी कवी अरुण जैमिनी जो अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि है, उन्होंने वहां उपस्थित दर्शकों को खूब हंसाया | उन्होंने जिस अंदाज में कोरोना काल की व्यथा को सुनाया दर्शक उनकी उस व्यथा को सुनकर दहाड़े मार कर हँसने लगे, ‘मनो यदि दर्शकों का मुँह बड़ा होता तो कलेजा भी बाहर निकल कर वो भी ठहाके लगाने लगता’ | इस कार्यक्रम का संचालन करने वाले डॉक्टर आदित्य जैन जो एक हास्य कवि है, उनकी देश भक्ति से सराबोर कविताओं को सुना कर दर्शकों की आंखें नम हो गई और फिर उन्होंने जैसे ही अपने चुटकुले दर्शकों के सामने रखे दूसरे ही पल हँसी से लोगों की आँखे चमक उठी | हास्य कवि सम्मेलन में सर पर मारवाड़ी पगड़ी, मारवाड़ी वेशभूषा के साथ प्रस्तुत हुए केसर देव मारवाड़ी लाफ्टर किंग, जिन्होंने चुटकुले से भारी कविताओं को सुनाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, दर्शक मंच पर उन्हें देखकर ही हंसने लगे थे | इस महाकवियों के मंच पर सुमन दुबे श्रृंगार रस की कवित्री जिन्होंने बड़े सरल शब्दों में प्रेम की परिभाषा को उजागर किया और अपनी सुरीले आवाज से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया |
महाकवियों के महामंच के लिए कार्यक्रम स्थल छोटा पड़ गया था | इस कार्यक्रम के दौरान बाहर भारी बारिश हो रही थी, लेकिन दर्शकों के ठहाके इतने जोरदार थे कि,बारिश की गड़गड़ाहट फीकी पड़ गई थी | लोग इस कार्यक्रम में इतने खो गए कि, उनको समय का पता ना चला | शाम के 4 बजे के बाद श्रोताओ का आना शुरू हुआ और 5 बजते-बजते पूरा हॉल दशकों से खचाखच भर गया | श्रोता सिर्फ एक टक कवियों की वाणी को सुन रहे थे और पेट पकड़ कर हँस रहे थे | इस महाकवियों के महामंच को देखकर यह प्रतीत हुआ लोग जितने भी व्यस्त क्यों ना रहे, लेकिन हंसने के एक मौके को भी गवाना नहीं चाहते |
कार्यक्रम सन्दर्भ में बताते हुए खबर समय सपादक संजय शर्मा ने कहा कि, यह कार्यक्रम सिर्फ मनोरंजन भर नहीं है यह हिंदी के प्रति लोगो का लगाव दर्शाता है |

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *