चक्रवात तूफान डाना का बंगाल में कितना असर होगा, यह तो पता नहीं. पर जिस तरीके से मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है और उसके मद्देनजर सरकार ने तैयारी की है, उसे देखकर लगता है कि खतरा छोटा नहीं है. पिछले 5 सालों में बंगाल 5 बड़े चक्रवात झेल चुका है. डाना का खतरा छठा है. इन पांचो चक्रवातों के बंगाल पर असर के अध्ययन से पता चलता है कि इन चक्रवार्तों ने बंगाल के जान माल को भारी नुकसान पहुंचाया. यही कारण है कि सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है. हालांकि सरकार की तैयारी कैसी है, यह तो बाद में पता चलेगा.
26 अप्रैल 2019 को फनी नमक चक्रवात ने बंगाल में तांडव मचाया था. 9 नवंबर 2019 को बुलबुल नामक चक्रवात ने तटवर्ती जिलों में भारी तबाही मचाई थी. 20 मई 2020 को अमफान तूफान ने बंगाल को काफी नुकसान पहुंचाया. उसके बाद 26 मई 2021 को यास चक्रवात ने पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना समेत कई जिलों में कहर ढाया था. आज डाना चक्रवात बंगाल और उड़ीसा के तटों से टकरा सकता है. यह 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. डाना का खौफ इतना बड़ा है कि इससे निपटने के लिए पूरा सरकारी तंत्र तैयार है.
NDRF, ओडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की 288 टीमों को तैनात किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने राज्य के 14 जिलों के सभी स्कूल कॉलेजों की छुट्टी 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. तटवर्ती क्षेत्रों से 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है. दीघा होटल की बुकिंग 25 अक्टूबर तक रद्द कर दी गई है. इसके अलावा लोकल ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है. सियालदह मंडल की सभी लोकल ट्रेनें कल रात तक स्थगित रहेंगी.
डाना का जहां-जहां प्रभाव हो सकता है, वहां सरकार की कोशिश यह है कि चक्रवात का जान माल पर कोई असर न पड़े. पश्चिम बंगाल सरकार ने 6000 राहत शिविर भी तैयार कर लिए हैं. जिन जिलों में चक्रवात का भारी असर हो सकता है अथवा इसकी संभावना व्यक्त की गई है, उन सभी नौ जिलों के जिला अधिकारियों के दफ्तर में कंट्रोल रूम की शुरुआत कर दी गई है. इसके अलावा कोलकाता हवाई अड्डे पर आज शाम 6:00 बजे से उड़ानों का परिचालन कल तक स्थगित कर दिया गया है. लेकिन सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के लिए राहत की बात है कि यहां डाना का कोई असर नहीं होगा.
मौसम विभाग के अनुसार डाना का प्रभाव उत्तर बंगाल में कहीं नहीं होगा. यहां बारिश की कोई संभावना नहीं है. हालांकि 24 से लेकर 27 अक्टूबर तक कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है. दक्षिण दिनाजपुर जिले में 27 अक्टूबर तक अधिकतम 10 मिलीमीटर बारिश हो सकती है. मालदा जिले में 12 मिलीमीटर से अधिक बारिश नहीं होगी. हालांकि सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में 27 अक्टूबर तक बादल छाए रहेंगे.
मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर बंगाल में चक्रवाती तूफान का कोई खतरा नहीं है. इसलिए सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के लोगों को डाना से डरने की जरूरत नहीं है. तूफान के मद्देनजर राज्य सरकार ने जो तैयारी की है, उसमें उत्तर बंगाल को ग्रीन जोन में रखा गया है.इसका मतलब यह है कि यहां खतरे की कोई बात नहीं है.
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