सिलीगुड़ी बंगाल सफारी पार्क में शेरनी तान्या के बारे में ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं है. यह वही शेरनी है, जिसके नाम के विवाद ने बंगाल सरकार को हिला कर रख दिया था. बाद में हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शेर और शेरनी की जोड़ी का नाम बदल दिया था. शेर का नाम सूरज और शेरनी का नाम तान्या रखा. अब इसी शेरनी ने सफारी पार्क प्रबंधन को ऐसा करारा झटका दिया है कि अधिकारी से लेकर कर्मचारियों के चेहरे लटक गए हैं.
वास्तव में पहले यह खबर आई थी कि शेरनी गर्भवती है. इसी साल फरवरी महीने में त्रिपुरा के सिपाहीजला चिड़ियाघर से शेर और शेरनी के इस जोड़े को लाया गया था. यहां बंगाल सफारी पार्क लाए जाने के कुछ दिनों के बाद ही शेरनी के शरीर में परिवर्तन होना शुरू हो गया था. यहां स्थित पशु अस्पताल के डॉक्टरों ने शेरनी की जांच की तो पता चला कि वह गर्भवती है. इसके बाद तान्या का पूरा ख्याल रखा जाने लगा.
बंगाल सफारी पार्क में एक नया मेहमान आने वाला था. इसको लेकर पूरी तैयारी चल रही थी. बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन के अधिकारी और कर्मचारी काफी खुश थे. पशु चिकित्सकों ने अक्टूबर के मध्य में शेरनी के प्रसव की बात कही थी. लेकिन समय बीतने पर भी शेरनी ने बच्चे को जन्म नहीं दिया तो उसका परीक्षण किया गया. उसमें उसके गर्भवती होने की बात गलत निकली. इसके बाद चिड़ियाघर के अधिकारी और कर्मचारी हताश हो गए हैं.
चिड़ियाघर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पशु चिकित्सकों ने जांच और परीक्षण में पाया है कि वास्तव में तान्या के शरीर में यह परिवर्तन हारमोंस के कारण हुआ है. जिसके कारण ऐसा लगा कि वह गर्भावस्था में है. राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी के अनुसार उसके शरीर में हुए परिवर्तन के कारण ही यह कयास लगाया गया कि वह गर्भवती है. उसकी हरकत भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रही थी.लेकिन आखिरी समय में इसका परीक्षण किया गया तो उसमें हार्मोन प्रमुख कारण नजर आया.
उन्होंने बताया कि इसी बात को ध्यान में रखकर शेर और शेरनी के जोड़े को पर्यटकों के लिए खुले बाड़े में नहीं छोड़ा गया था. पार्क प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार जब शेरनी शिशु को जन्म दे देती तो शेरनी के पूरे परिवार को बाड़े में रखे जाने की योजना थी, ताकि पर्यटक इस परिवार का दीदार कर सकें. बंगाल सफारी पार्क के निदेशक का भी बयान आ गया है. उन्होंने भी स्पष्ट कर दिया है कि शेरनी तान्या गर्भवती नहीं है.
आखिर यह गलतफहमी कैसे पैदा हुई? जब इस बारे में पशु विशेषज्ञों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मादा जानवर के शरीर से अतिरिक्त प्रोजेसटेरोन हार्मोन निकलता है. वह गर्भाशय में कार्स लुटियम नामक ग्रंथि को सक्रिय करता है. इसकी वजह से मादा जानवर के शरीर में गर्भावस्था जैसा परिवर्तन दिखता है. जब यह विशिष्ट हार्मोन का स्तर कम हो जाता है तो शरीर अपनी पिछली स्थिति में लौट आता है.
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