अगर आप एक व्यापारी हैं, तो सोच समझ कर लेनदेन करिए. नहीं तो हो जाएगा आपका बैंक खाता 0… ज्यादा गड़बड़ी ऑनलाइन भुगतान के क्रम में हो रही है. शातिर अपराधी सामान लेने के बाद ऑनलाइन भुगतान करते हैं. वे भुगतान तो नहीं करते. लेकिन इसका फर्जी मैसेज जरूर आपके मोबाइल के व्हाट्सएप पर आ जाता है.क्या यह मैसेज सही है,जब तक इसकी छानबीन न कर लें और अपना अकाउंट चेक न कर लें, तब तक इस पर भरोसा ना करें कि ग्राहक ने आपको सामान का भुगतान किया है.
साइबर अपराधी कई तरीकों से लोगों खासकर व्यापारियों को लूट रहे हैं. इनमें से एक तरीका सामान के बिल से ज्यादा का भुगतान करना है.उदाहरण के लिए अगर ₹5000 का खरीदार ने सामान लिया है तो उसकी तरफ से 50000 का भुगतान कर दिया जाता है. फिर वही व्यक्ति व्यापारी से कहता है कि उसने भूल से ₹5000 में एक शून्य अधिक लगा दिया था और 50000 का भुगतान कर दिया है. वह व्यापारी से अनुरोध करता है कि उसके 45 हजार रुपए वापस कर दिए जाए और जब व्यापारी उसके 45000 रुपए वापस करता है, उसी समय पता चलता है कि खरीदार द्वारा भुगतान किया गया पैसा व्यापारी के अकाउंट में आया ही नहीं था.
यानी यह एक फर्जी भुगतान था. ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि जब तक अपना अकाउंट चेक कर ना ले, तब तक इस पर भरोसा ना करें कि आपके खाते में पार्टी ने भुगतान किया है. सिलीगुड़ी समेत देश के छोटे बड़े शहरों के छोटे-बड़े व्यापारियों को इस तरीके से चूना लगाया जा रहा है. सिलीगुड़ी के साइबर सेल थाने में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां साइबर अपराधियों ने नए-नए तरीकों से व्यापारियों को चूना लगाया है.
सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, रायगंज, मालदा इत्यादि विभिन्न छोटे बड़े शहरों में इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के अलावा ठगी की सबसे ज्यादा घटनाएं फर्जी मैसेज के द्वारा की जा रही है. भुगतान प्राप्त करने वाला व्यापारी इतना व्यस्त रहता है कि वह अपने खाते की जांच तत्काल नहीं कर पाता है और बुरी तरह फस जाता है. बहुत से व्यापारी साइबर ठगी को लेकर सतर्क रहते हैं. लेकिन कभी-कभी ठगों के आगे फेल हो जाते हैं और अपना मोटा धन गवा बैठते हैं.
अलीपुरद्वार में इसी तरह की एक ऑनलाइन धोखाधड़ी की नई तकनीक सामने आने के बाद व्यापारियों में हड़कंप मच गया है. अब तक तो व्यापारी पिन, ओटीपी आदि को शेयर नहीं करने की अपने खाते की सुरक्षा मानते हैं. पर इस घटना ने व्यापारियों के भी होश उड़ा दिए हैं. ऐसी जानकारी मिली है कि एक व्यापारी के पास एक सेना के जवान का फोन आया. व्यापारी अलीपुरद्वार के पास खाता कलम का व्यापारी था.
तथाकथित सेना के जवान ने व्यापारी से 2800 रुपए की नोटबुक और बही खाता, पेन आदि खरीदे. व्यापारी ने 2800 रुपए का बिल बना दिया. इसके बाद कथित सेना के जवान यानी खरीदार ने व्यापारी से भुगतान के लिए उसका गूगल पे नंबर मांगा. व्यापारी के मोबाइल पर एक मैसेज आया. जिसमें ₹2800 की जगह पर 28000 रुपए का भुगतान कर दिया गया था. कुछ देर के बाद ठग ने व्यापारी को दोबारा फोन किया और कहा कि गलती से उसके खाते से 2800 रुपए की जगह पर 28000 रुपए का भुगतान हो गया है. इसलिए कृपया करके उसे 25200 वापस कर दिया जाए.
आमतौर पर व्यापारी लेनदेन में साफगोई दिखाते हैं. व्यापारी ने भी सोचा कि खरीददार से गलती हुई होगी. इसलिए उसने तुरंत ही उसका बाकी पैसा खरीदार के द्वारा भेजे गए QR कोड पर रिफंड कर दिया. जब व्यापारी ने अगले दिन अपना खाता चेक किया तो पता चला कि उसके बैंक खाते में कोई रकम ही नहीं जमा कराई गई थी. उल्टे खाते से 25200 कट गए थे. उक्त व्यापारी ने अलीपुरद्वार साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में घटना की लिखित शिकायत दर्ज करा दी है.
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