ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी में चोरों और तस्करों का मनोबल काफी बढ़ गया है. उन्हें पुलिस और कानून का कोई खौफ नहीं है. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में चोरी की घटनाएं कितनी बढ़ गई है, यह देखना है तो सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत किसी भी थाने में जाकर देख लीजिए. वहां चोरी से संबंधित फाइलों की भरमार लगी होगी. ऐसा कोई भी दिन नहीं होता, जब सिलीगुड़ी में चोरी नहीं होती हो. रात बीतने के बाद सुबह की शुरुआत चोरी की खबरों से ही होती है.
चोर जब मंदिर या भगवान को भी नहीं बख्श रहे हैं तो साधारण आदमी को क्या बख्शेंगे. सिलीगुड़ी साउथ कॉलोनी के क्षेत्र में स्थित एक काली मंदिर का ताला तोड़कर चोर काली मां के गले से सोने की चेन लेकर चले गए. अभी तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है. खालपारा में तो रोज ही चोरी की छोटी बड़ी घटनाएं होती रहती है. पुलिस वेरिफिकेशन के लिए मौके पर पहुंचती है और लोगों को उपदेश देकर चली जाती है. पुलिस के पास इसका कोई समाधान नहीं है कि आखिर सिलीगुड़ी में बढ़ रही चोरी की घटनाओं पर कैसे नियंत्रण पाया जाए.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत भक्ति नगर, प्रधान नगर एनजेपी आदि ऐसे थाने हैं, जहां पुलिस की एक टीम चोरी की घटनाओं से संबंधित देख-रेख के लिए लगाई जाती है. पीड़ित व्यक्ति थाने जाते हैं. शिकायत पत्र देते हैं. पुलिस की तरफ से उन्हें आश्वासन मिलता है. फिर वे घर लौट जाते हैं. चोरी गया सामान पीड़ित को तो तभी वापस मिलेगा, जब चोर पकड़े जाएं. ऐसे कुछ ही खुश किस्मत लोग होंगे, जिन्हें चोरी का सामान वापस मिलता है. बाकी लोगों को तो संतोष ही रखना पड़ता है.
सिलीगुड़ी में चोरी की बढ़ती घटनाओं पर कुछ लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि चोरों का मनोबल पुलिस की सुस्त कार्यशैली से बढ़ जाती है. अगर पुलिस चाहे तो चोर को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर सकती है. दरअसल पुलिस के पास चोरी के अलावा भी कई जटिल मामले होते हैं, जो प्राथमिकता के हिसाब से निपटाए जाते हैं. पुलिस महकमे में संसाधन की भी कमी है. कई बार पुलिस संसाधनों के अभाव में भी अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पाती है. कई बार पुलिस वाले चोरी की घटना के बाद वेरिफिकेशन के लिए मौके पर पहुंचते हैं, तो वे पीड़ित व्यक्ति को ही उपदेश देने लग जाते हैं.
बहुत ही कम मामलों में पुलिस चोर को पकड़ने के लिए अभियान चलाती है. छोटी छोटी चोरी की घटनाओं में तो जैसे पुलिस हाथ ही नहीं डालना चाहती है. स्कूटर चोरी, टोटो चोरी अथवा हाई प्रोफाइल चोरी की घटनाओं में पुलिस जरूर कार्रवाई करती है. देर सवेर चोर भी पकड़े जाते हैं. इस मामले में भक्ति नगर थाना का रिकॉर्ड काफी अच्छा कहा जा सकता है. भक्ति नगर पुलिस चोरी की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करती है. प्रधान नगर थाना भी अब इस दिशा में सक्रिय हो गया है.
सवाल यह है कि आखिर सिलीगुड़ी में चोरी की बढ़ रही घटनाओं पर नियंत्रण कैसे पाया जाए? यह ठीक है कि लोग अपने घर की देखभाल करें. सतर्क रहें और सुरक्षा के जरूरी कदम उठाएं. पर कई बार ऐसा भी होता है कि सब सावधानी रखते हुए भी लोगों के घरों में चोरी हो जाती है. जानकार लोगों की माने तो सिलीगुड़ी में चोरों पर लगाम केवल पुलिस, कानून और सामाजिक जागरूकता ही लगा सकती है. पुलिस को चाहिए कि चोरी की छोटी घटना हो या बड़ी,फौरन कार्रवाई करनी चाहिए. इससे चोरों का मनोबल खंडित होता है. चोर को पकड़ना भी कोई मुश्किल काम नहीं होता. जिस इलाके में चोरी होती है, चोर स्थानीय ही होते हैं. उनकी मिली भगत के बगैर चोरी हो ही नहीं सकती. ऐसे में पुलिस को इलाके में गुप्तचर लगा देना चाहिए.
आवश्यकता है कि पुलिस एक बार समाज में सख्त संदेश दे कि चोरों का बचाना अब मुमकिन नहीं है. चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी. इसके अलावा समाज के लोगों को भी चोरों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है. याद रखें कि अगर आपके पड़ोसी के घर में चोरी हो रही है और आप चुपचाप तमाशा देख रहे हैं तो अगला नंबर आपका हो सकता है. आजकल चोर किसी भी घर में चोरी करने से पहले अपने लोगों से घर की रेकी करवाते हैं. अगर घर में चोरी होती है तो पुलिस को सबसे पहले ऐसे ही लोगों को पकड़ कर पूछताछ करनी चाहिए. चोर पकड़ने का रास्ता रेकी करने वालों से ही जाता है. इसके अलावा पुलिस को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके चोरों की कमर तोड़ने के उपाय करने चाहिए. अगर जल्द ही चोरी की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो समाज में अराजक स्थिति उत्पन्न होगी.
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