बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार और उत्पीड़न का पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बांग्लादेश के विदेशी सलाहकार मोहम्मद तौहिद हुसैन के साथ मुलाकात की. उन्होंने इस मुलाकात में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाया. अगस्त महीने में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद भारत से पहले उच्च स्तरीय दौरे में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री बांग्लादेश गए हैं.
भारत में बांग्लादेशियों की एंट्री नहीं हो सके, इसके लिए विभिन्न संगठनों और संस्थाओं की ओर से पहल शुरू कर दी गई है. सिलीगुड़ी में भी बांग्लादेशियों का विरोध शुरू हो चुका है. यहां के डॉक्टरों ने पहले ही बांग्लादेशियों का इलाज करने से मना कर दिया है.अब सिलीगुड़ी के होटलों में भी उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.आज ग्रेटर सिलीगुड़ी होटलियर वेलफेयर एसोसिएशन के एक संवाददाता सम्मेलन में इसका फैसला किया गया है.
ग्रेटर सिलीगुड़ी होटलियर वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त संपादक उज्जवल घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इसका फैसला वोटिंग के द्वारा किया गया है. 97% सदस्यों ने बांग्लादेश के विरोध में वोट किया. जिसके आधार पर आज से सिलीगुड़ी के होटलों में बांग्लादेशियों की नो एंट्री कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक अस्थाई तौर पर यह फैसला लागू रहेगा. उन्होंने कहा कि हमें नुकसान मंजूर है. लेकिन अल्पसंख्यकों पर हमले और उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे. चाहे इसके लिए हमें कितनी बड़ी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े.
बांग्लादेश के मुद्दे पर राजनीतिक दलों के नेता सोच समझ कर बयान दे रहे हैं. हालांकि विश्व हिंदू परिषद का बयान सबसे अलग है. और वह खुलकर बांग्लादेश के विरोध में आ चुका है. आज ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है.अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. उपद्रवी दंगे कर रहे हैं. लेकिन हमें ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिसका वहां असर हो.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम शांति के हिमायती हैं. उन्होंने माना है कि कुछ फर्जी वीडियो के द्वारा माहौल को दूषित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, मैं सभी से अपील करती हूं कि कोई भी भड़काऊ बातें ना करें. उन्होंने कहा कि बंगालियों को राष्ट्रवाद करुणा और स्नेह की भावना से काम करना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि वह हम पर कब्जा कर लेंगे, तो मैं उनसे कहती हूं कि आप कब्जा करेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे. ऐसा भूलकर भी मत सोचिए. उन्होंने कहा कि हमें किसी और उकसावे में नहीं आना चाहिए.
बांग्लादेश में हालात शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से खराब होते चले गए. वहां हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जाता रहा. कुछ दिनों पहले इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का जोरदार प्रदर्शन शुरू हुआ. भारत सरकार ने भी एक बयान जारी कर इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ लगाए गए देशद्रोह के मामले को गलत बताया.
बांग्लादेश सरकार ने इसका पलटवार किया. भारत सरकार के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और गलत करार दिया है. आज बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के सड़कों पर आ जाने के बाद कट्टरपंथी संगठनों के हमले बढ़ गए हैं. इसी को लेकर भारत में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से बयान आना शुरू हो गया है. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध और ईसाई एकता संघ ने एक बयान जारी कर कहा है कि मंगलवारगांव और मोनी गांव ईस्ट गुनी ग्राम में हिंदू समुदाय के 100 से ज्यादा घरों और दुकानों पर हमला किया गया. तोड़फोड़ की गई. और लूटपाट की गई है. कई मंदिरों को भारी नुकसान पहुंचा है.
लगभग एक हफ्ते पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश से बात करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि अगर पीएम मोदी को बात करने में कोई दिक्कत है तो विदेश मंत्री बांग्लादेश से बात करें. आज विदेश सचिव बांग्लादेश गये. उन्होंने इस मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा है. अब देखना होगा कि बांग्लादेश पर भारत की अपील का क्या असर होता है. वैसे बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफिकुल आलम ने स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लादेश भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है.
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