देश में कहीं कुछ आयकर विभाग को हाथ लगता है, तो उसके बाद कड़ी दर कड़ी अधिकारी कार्रवाई में जुट जाते हैं. जब तक की चेन समाप्त नहीं हो जाती, तब तक इनकम टैक्स के अधिकारी चैन की सांस नहीं लेते हैं. इनकम टैक्स की कार्रवाई अत्यंत गोपनीय होती है. किसी को कानों कान की जानकारी नहीं होती है. उनका खुफिया तंत्र इतना मजबूत होता है कि लोग उसकी कल्पना तक नहीं कर सकते. सिलीगुड़ी में अलग-अलग स्थानों पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आवास पर इनकम टैक्स की जो छापेमारी हुई थी, उसके बारे में व्यापारियों को भनक तक नहीं लगी थी.
आईटी विभाग ने दावा किया है कि इस छापेमारी में 30 लाख रुपए और कई वित्तीय दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. आईटी विभाग ने यह कार्रवाई इलाहाबाद में शुरू हुए टैक्स चोरी के एक मामले की कड़ी के तौर पर की थी. ऐसी चर्चा है कि चाय के कारोबार में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी की गई है. इसीलिए आयकर विभाग सूत्र दर सूत्र टैक्स चोरी के मामले का पता लगा रहा है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आईटी विभाग कुछ और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापे की कार्रवाई कर सकता है. लेकिन यह सब तभी संभव है जब आईटी अधिकारी सिलीगुड़ी में की गई छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों और सूत्रों का अध्ययन करेंगे. उसके बाद ही वे इसका फैसला कर सकते हैं.
लेकिन सिलीगुड़ी के व्यापारियों में दहशत का माहौल है. भले ही कारोबारी पाक साफ हो, परंतु अगर किसी व्यापारिक प्रतिष्ठान पर आईटी की छापेमारी होती है तो उसका असर पूरे बाजार पर होता है. इससे कारोबार प्रभावित होता है. आयकर विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि टैक्स चोरी के मामलों में विभाग द्वारा कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी. आपको बताते चलें कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने सिलीगुड़ी में चार व्यापारिक ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई में इनकम टैक्स के अधिकारियों को 30 लाख रुपए नगद और अनेक वित्तीय दस्तावेज हाथ लगे थे.
आयकर विभाग की टीम ने सिलीगुड़ी में जिन जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों अथवा कारोबारी के घरों पर छापे मारे थे, उनमें प्लास्टिक वॉटर टैंक बनाने वाली कंपनी शकुंतला प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड और रिस्पांस ट्रेडिंग के मालिक संजय गोयल तथा दीपक गोयल के सेवक रोड स्थित आवास, कार्यालय के साथ-साथ फुलबारी में स्थित उनका गोदाम भी शामिल है. मिली जानकारी के अनुसार गोयल बंधु भूटान में पानी की टंकी बनाने का कारखाना चलाते हैं. फुलबारी में उनका गोदाम है. आयकर विभाग के सूत्रों से पता चलता है कि छापे की कार्रवाई में जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं, उससे टैक्स चोरी का पता चलता है. अधिकारियों को उनके आवास से 30 लाख रुपए नगद मिले. जबकि गोदाम और कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे.
आयकर विभाग की टीम ने खालपाड़ा के नया बाजार में भी छापेमारी की. जिससे काफी समय तक व्यापारियों में दहशत की स्थिति देखी गई. संलग्न बाजार इलाकों में कारोबार भी नहीं हो सका. कदमा और पुतिनबाड़ी टी एस्टेट ग्रुप के मालिक सनिध अग्रवाल के कार्यालय और आवास पर आयकर विभाग की छापेमारी में क्या कुछ हासिल हुआ, यह तो पता नहीं चला. परंतु आईटी विभाग के अधिकारी अब तक संतुष्ट नहीं हो सके हैं. आयकर विभाग ने कुछ साल पहले भी गोयल बंधुओ के ठिकानों पर छापेमारी की थी और छापे की कार्रवाई में टैक्स चोरी के कई मामले पकड़े थे.
वित्तीय वर्ष का अंतिम लेखा जोखा हर विभाग तैयार करता है. हर विभाग के अधिकारियों को अपना परफॉर्मेंस दिखाना होता है. जानकार मानते हैं कि इनकम टैक्स विभाग ने भी वित्तीय वर्ष का अंतिम लेखा जोखा तैयार करने की कड़ी में यह कार्रवाई की है. ताकि अधिकारी अपना परफॉर्मेंस दिखा सके. जिस तरह पुलिस किसी व्यक्ति को संदिग्ध मान लेती है तो किसी भी घटना के घटने पर उस व्यक्ति को बार-बार तलब किया जाता है. इनकम टैक्स की कार्रवाई भी कुछ इसी तरह की होती है. जानकार और विश्लेषक बता रहे हैं कि संदेह तथा वित्तीय लेखा जोखा तैयार करने की कड़ी में ही गोयल बंधुओ के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. बहरहाल यह देखना होगा कि इनकम टैक्स विभाग के अगले निशाने पर कौन सा प्रतिष्ठान या आवास रहता है!