सिक्किम सरकार एक नया ऐप लॉन्च करने जा रही है. इसके अनुसार देश दुनिया से सिलीगुड़ी आने वाले पर्यटक मात्र ₹500 में लग्जरी वाहन में सिलीगुड़ी से सिक्किम जा सकेंगे और वहां पर्यटन का आनंद उठा सकेंगे. 31 जनवरी से ही यह ऐप लॉन्च कर दिया जाना था. परंतु इसमें कुछ विलंब हो रहा है. दूसरी तरफ सिक्किम सरकार की इस पहल ने एनजेपी स्टेशन टैक्सी ड्राइवर ऐसोसिएशन की नींद उड़ा कर रख दी है, जो एनजेपी से पर्यटकों को सिक्किम घूमाने के नाम पर उनसे अच्छी खासी रकम वसूल करते हैं.
एनजेपी स्टेशन के बाहर बहुत सी टैक्सियां लगी रहती है. सिक्किम अथवा दार्जिलिंग, समतल, Dooars कहीं भी घूमने जाने के लिए पर्यटक स्टेशन परिसर में ही टैक्सी वालों से बात करते हैं और भाड़ा करके गंतव्य स्थल पर जाते हैं. आमतौर पर सिलीगुड़ी से सिक्किम घूमने जाने के इच्छुक पर्यटकों से टैक्सी चालक न्यूनतम ₹500 प्रति सवारी के हिसाब से भाड़ा तय करते हैं. लेकिन ऐसे वाहन में ना तो कंफर्टेबल सीट होती है और ना ही पर्यटकों को साइड सीन की अनुमति मिलती है.जबकि सिक्किम सरकार ₹500 में ही पर्यटकों तथा यात्रियों को लग्जरी वाहन की सुविधा प्रदान करेगी. इसके अलावा पर्यटक साइड सीन भी कर सकेंगे.
उत्तर बंगाल के वाहन चालक काफी चिंतित हो गए हैं. इसके साथ ही वे सिक्किम सरकार पर भेदभाव का भी आरोप लगा रहे हैं. टैक्सी चालकों के संगठन ने कहा है कि सिक्किम सरकार पहाड़ के चालकों को कमाई का पूरा अवसर दे रही है. उनके साथ सहानुभूति और सहयोग कर रही है. लेकिन समतल के चालकों के साथ भेदभाव किया जाता है. उनकी रोजी रोटी छिनी जा रही है.
न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन टैक्सी ड्राइवर संगठन ने आरोप लगाया है कि सिलीगुड़ी से सिक्किम जाने वाली गाड़ियों को रास्ते में डिस्टर्ब किया जाता है. साइड सीन करवाने की अनुमति नहीं दी जाती. इसके अलावा पहाड़ के टैक्सी चालक सिलीगुड़ी के टैक्सी चालकों के साथ मारपीट भी करते हैं. संगठन के अध्यक्ष उदय साहा ने चिंता व्यक्त की है कि सिक्किम सरकार की योजना के अनुसार ₹500 में सिलीगुड़ी से सिक्किम और इतने ही रूपयो में सिक्किम से सिलीगुड़ी लग्जरी वाहन में बैठकर यात्रा कराने, रास्ते में दृश्य का दीदार कराने की योजना से तो यहां के टैक्सी ड्राइवर की रोजी-रोटी छिन जाएगी. वे बेकार हो जाएंगे.
हालांकि उन्हें सिक्किम सरकार की इस योजना पर शक भी है. उन्हें लगता है कि पर्यटकों से दूसरे तरीके से वसूल की जा सकती है. उन्होंने कहा कि लग्जरी वाहन में सिलीगुड़ी से सिक्किम गए पर्यटकों से सिक्किम में दूसरे तरीके से ज्यादा पैसे लिए जा सकते हैं. जैसे उनकी कई सेवा शर्तें हो सकती है. जैसे सिक्किम में उसी लग्जरी वाहन में घूमना, होटल जाना और इन सभी सेवा शर्तों में पर्यटकों से 10 से 15 हजार रुपए वसूले जा सकते हैं.
सिलीगुड़ी के टैक्सी ड्राइवर आमतौर पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लागू किए गए यात्री साथी ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इस ऐप के जरिए सरकार ने जो किराया निर्धारित किया है, वही किराया पर्यटकों से लिया जाता है. उनके पास कोई अतिरिक्त आमदनी नहीं है.अगर उनकी गाड़ियों में बैठे यात्रियों अथवा पर्यटकों को पहाड़ में साइड सीन करवाने की अनुमति नहीं मिलती है, इसके अलावा उन्हें वहां डिस्टर्ब किया जाता है तो ऐसे में पर्यटक उनकी गाड़ी में क्यों बैठना चाहेंगे? उन्होंने सिक्किम सरकार से अनुरोध किया है कि समतल के चालकों के साथ भेदभाव बंद किया जाए और उनकी रोजी-रोटी का ध्यान रखा जाए.
सिक्किम सरकार नया ऐप कब लॉन्च करेगी, उसी का इंतजार किया जा रहा है. यह ऐप लॉन्च होने से सिक्किम सरकार को क्या लाभ होगा तथा एनजेपी टैक्सी ड्राइवर संगठन को क्या नुकसान होगा, इत्यादि को लेकर तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. भविष्य में पहाड़ और समतल को लेकर एक संग्राम छिड़ जाने की आशंका दिख रही है. शायद इसी डर को देखते हुए ऐप लॉन्च करने में विलंब किया जा रहा है. बहरहाल यह देखना होगा कि सिक्किम सरकार के नए ऐप से किसका नफा और किसका नुकसान होता है.