मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 30% भूमि को पूंजीपतियों को देने के निर्णय को लेकर एक ओर तो जहां पहाड़ ज्वलनशील हो रहा है, तो वहीं इसका विरोध विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा भी किया जा रहा है | दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्टा ने भी इसका कड़ा विरोध किया है |
बता दे कि, दिल्ली में चुनाव प्रचार प्रचार और संसद में बजट सत्र में भाग लेने के बाद दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट अपने संसदीय क्षेत्र यानी दार्जिलिंग लौटे, कल जब वे बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे तो संवाद दाताओं ने उन्हें घेर लिया और सवालों के बौछार करने लगे | इस दौरान राजू बिष्टा काफी अच्छे मूड में थे, उन्होंने पत्रकारों को मुस्कुराते हुए उनके सवालों के जवाब दिए ,साफ तौर पर कहा कि, मुख्यमंत्री के कुछ देने से क्या होता है, वह चाय बागानों की जमीन की मालकिन नहीं है और उन्होंने चाय बागानों की 30% भूमि के लिए जो फैसला लिया है, उसका हम विरोध कर रहे हैं और उन्होंने कहा, एक समय चाय बागान की जमीन अंग्रेजों के पास थी और अब मुख्यमंत्री उस राह पर चल पड़ी है | साथ ही कहा, ममता बनर्जी जमीन की मालकिन नहीं जो अपनी मर्जी से 30% या 10% दूसरों को सौंप दे, इसके अलावा सांसद ने मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला किया और कहा कि, उन्होंने राज्य के श्रमिकों के लिए तो कुछ नहीं किया है लेकिन उनकी जमीनों पर नजर जरूर बना कर रखती है | सांसद ने मुख्यमंत्री को चेतावनी भी दी कि ,यदि उनके फैसले से श्रमिकों को जरा भी नुकसान हुआ तो सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा | बता दे कि, मुख्यमंत्री ने चाय बागानों की 30% भूमि वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनी को सौंपने की जो बात कही थी, उसको लेकर विभिन्न राजनीतिक दल और चाय बागानों के श्रमिक इसका विरोध कर रहे हैं | इसके अलावा राज्यपाल सी वी आनंद बोस दार्जिलिंग बतासिया लूप में जय जवान समारोह में भाग लेने पहुंचे थे और जब वे वहां से रवाना होकर बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे, उस दौरान राजू बिष्टा और राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने वीआईपी लाउंज में लंबी बैठक की और इस बैठक में राजू बिष्टा और राज्यपाल के बीच कई विषयों को लेकर वार्तालाप हुए | वहीं राज्यपाल ने भी उन्हें बताया कि, राज्य सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध न होने के कारण बाढ़ से तबाह हुए तीस्ता नदी तट के निवासी संकट में है साथी राज्यपाल ने उत्तर बंगाल के विभिन्न समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया | देखा जाए तो पूर्व राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री के तालमेल कुछ खास अच्छे नहीं थे ट्वीट या पत्र के माध्यम से दोनों के बीच खींचातानी होती रहती थी और अब समय के साथ वर्तमान राज्यपाल सी वी आनंद बोस व मुख्यमंत्री के बीच के विवाद बढ़ते जा रहे है | जो समय समय पर जनता के बीच उजागर भी हो जाते है |
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