लगभग डेढ वर्ष पहले आपस में शादी करके पति-पत्नी सिलीगुड़ी के निकट फुलबारी इलाके में घोड़ा मोड़ के एक छोटे से मकान में साथ रहते थे. इसी महीने की 20 तारीख को दोनों सामाजिक रूप से विवाह सूत्र में बंधने वाले थे. दोनों के परिवार में खासा उत्साह था. विवाह के लिए खरीदारियां भी शुरू हो गई थी. भवन बुक कराया जा चुका था. चार दिन पहले पति-पत्नी में खरीदारी के लिए झगड़ा शुरू हुआ. पत्नी अपनी पसंद का लहंगा तथा अन्य फैशनेबल वस्त्र लेना चाहती थी.
लेकिन पति के पास इतने पैसे नहीं थे. वह इधर-उधर से कर्ज लेकर शादी के लिए पैसे का प्रबंध कर रहा था. वह अपनी पत्नी को महंगा सामान दिलाने में असमर्थ था. वह पत्नी को समझाने का प्रयास कर रहा था. लेकिन पत्नी समझने के लिए तैयार नहीं थी. पत्नी ने ठान लिया था कि वह महंगा लहंगा खरीदेगी. इसके अलावा अलग-अलग कार्यक्रम में बैठने के लिए अलग-अलग ड्रेस लेगी. इतना पैसा पति के पास था नहीं. इसी क्रम में दोनों के बीच विवाद बढ़ गया, जो धीरे-धीरे मारपीट में तब्दील हो गया. पत्नी ने कह दिया कि वह उससे शादी नहीं करेगी…
रात्रि के समय युवक ने अपनी मां को फोन किया. कहा कि अब इस दुनिया में उसके लिए कुछ नहीं बचा है. मैं खुद को मिटाने जा रहा हूं. यह कह कर वह अपनी स्कूटी पर सवार होकर घर से निकल गया. युवक का नाम शुभम पालित है. वह घर से निकला. उसके बाद लौट कर नहीं आया. 16 फरवरी को फुलवारी कैनल पर लावारिस अवस्था में उसकी स्कूटी पुलिस ने बरामद की थी. जबकि चार दिन बाद 20 तारीख को पुलिस ने रंगापानी के निकट नहर से उसका रक्त रंजित शव बरामद किया था. युवक की शिनाख्त उसके भाई और अन्य ग्रामीणों ने की थी.
जिस अवस्था में शुभम पालित का शव बरामद हुआ था, शव की हालत ऐसी थी जैसे उसके शरीर को चाकुओं से गोदा गया हो. सर पर किसी तेज धार हथियार से गहरा वार किया गया था. इसी तरह का वार मृतक के पैर पर भी किया गया था. मृतक का जैकेट खुला हुआ था. यहां तक कि उसके जूते भी पैर से निकाले गए थे.शव की वीभत्स अवस्था देखकर परिजनों ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या की गई थी. उसके बाद उसके शव को यहां नहर में ठिकाने लगाया गया था.
परिजनों का तर्क है कि अगर मृतक की नहर में डूबने से मृत्यु हुई तो उसका शरीर पानी में रहने के कारण फूल जाना चाहिए था, जो कि ऐसा नहीं था. मृतक के भाई तथा उनके एक पड़ोसी ने तर्क दिया है कि पानी में रहने से शरीर के कपड़े अलग हो सकते हैं. जैकेट अलग हो सकते हैं. लेकिन जूते भला कैसे पैर से अलग हो सकते हैं! क्योंकि जूते को तो टेप से बांधा जाता है. वे उसके पैर से कैसे अलग हो गए. इसका मतलब यह है कि उसकी हत्या कहीं और की गई और उसकी लाश को यहां ठिकाने लगाया गया.
मृतक के भाई और दूसरे लोगों ने आरोप लगाया है कि शुभम पालित की हत्या की गई है और उसकी हत्या में शुभम की पत्नी के मामा का हाथ हो सकता है. मृतक के भाई के पड़ोसी ने बताया कि शुभम एक अच्छा लड़का था.वह सब्जी की दुकान चलाता था. जिस दिन शुभम घर छोड़कर गया था, उस दिन उसकी पत्नी के मामा का फोन आया था, जिसने शुभम को धमकी दी थी. परिजनों का कहना है कि शुभम की हत्या उसके मामा ने की हो सकती है.
शुभम पालित का विस्तृत परिवार था. लेकिन वह अपने घर वालों से दूर पत्नी के साथ घोडामोर में रहता था. मार्च महीने में शुभम के एक और भाई की शादी होनी थी. शुभम चाहता था कि दोनों भाइयों का रिसेप्शन एक साथ हो. लेकिन शुभम की पत्नी काफी जिद्दी थी. उसकी जिद के चलते ही शुभम 20 तारीख को उसके साथ सामाजिक रीति रिवाज से विवाह सूत्र में बंधने जा रहा था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि शुभम की पत्नी का मामा मारपीट और झमेले में ज्यादा रहता है.
फांसीदेवा पुलिस ने मृतक शुभम पालित के शव को पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है. पुलिस मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है. उसके आधार पर ही यह तय किया जाएगा कि यह मामला हत्या का है या नहीं. लेकिन परिजन कहते हैं कि शुभम की हत्या की गई है. अगर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज नहीं किया तो वह विभिन्न तरीकों से पुलिस पर दबाव बनाएंगे और इस मामले को आगे तक ले जाएंगे.
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