March 9, 2025
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ममता बनर्जी के किस फैसले ने तृणमूल कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया!

सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक टीएमसी के छोटे बड़े नेता बंगले झांकने लगे हैं. वह एक दूसरे से जैसे सवाल कर रहे हो, आखिर ऐसा क्या हो गया कि कुछ ही घंटे पहले बनी टीएमसी की गठित जिला वार कोर कमेटी को पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने स्थगित कर दिया. हर छोटे से लेकर बड़े टीएमसी के नेता हैरान है और स्तब्ध भी. इधर सूत्र बता रहे हैं कि ममता बनर्जी स्वयं ही नई कोर कमेटी का गठन करने वाली है.

मिली जानकारी के अनुसार पार्टी के नेताओं ने जिस कोर कमेटी का गठन किया था, उसमें टीएमसी के बड़े नेता खासकर अभिषेक बनर्जी अनुपस्थित थे. यह भी कहा जा रहा है कि जिलावार कोर कमेटी का गठन जिस तरीके से किया गया है, उसकी जानकारी पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नहीं दी गई थी. इससे ममता बनर्जी नाराज थी और इसीलिए उन्होंने कोर कमेटी पर निलंबन आदेश जारी कर दिया.

मतदाता सूची में तथाकथित हेरा फेरी की पड़ताल के लिए टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी ने गुरुवार को जिला वार कोर कमेटी का गठन किया था. इसमें टीएमसी के कई नेता उपस्थित थे. लेकिन ना तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ना ही अभिषेक बनर्जी इस बैठक में शामिल थे. हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी को इसके लिए सारे अधिकार भी दिए थे और उनके निर्देश पर ही कोर कमेटी का गठन हुआ था. सुब्रत बक्शी की अगुवाई में ही कोर कमेटी की पहली बैठक हुई थी.

अचानक क्या हो गया कि पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उसे स्थगित करना पड़ गया? हालांकि अधिकृत तौर पर इसका कोई कारण सामने नहीं आया है. परंतु यह समझा जाता है कि पार्टी सुप्रीमो को इसमें भरोसे में नहीं लिया गया था और ना ही अभिषेक बनर्जी इसमें उपस्थित थे. कोर कमेटी की पहली बैठक तृणमूल भवन में हुई थी. कहा जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी किन्ही कारणों से नाराज भी थे. हालांकि यह सब अटकलें हैं.

कहा जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी की अगुवाई में जिस कोर कमेटी का गठन हुआ था, उसमें कुछ ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो इसके लिए फिट नहीं थे. इससे ममता बनर्जी नाराज थी. बैठक में अभिषेक बनर्जी तो उपस्थित नहीं थे, पर कोर कमेटी के अन्य सदस्यों में डेरेक ओ ब्रायन, सांसद सुदीप बंदोपाध्याय आदि नेता जरूर शामिल हुए थे.

आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने भाजपा पर निर्वाचन आयोग के कथित समर्थन से राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरा फेरी और बाहरी मतदाताओं को शामिल करने का आरोप लगाया था. यह मुद्दा इतना व्यापक हो चुका है कि टीएमसी सोमवार से शुरू होने वाले संसद सत्र में भी उठाने वाली है. टीएमसी को अब तक कुछ प्रमाण हाथ लगे हैं. उसमें एक ही संख्या वाले दो मतदाता पहचान पत्रों का मुद्दा चिंता का विषय है. हालांकि चुनाव आयोग ने इसे ठीक करने का आश्वासन दिया है. पर संसद में यह मुद्दा उठने पर एक बार फिर से संसद का बजट सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना है.

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