अमेरिका की ओर से ऊंचे टैरिफ के बाद भारत समेत विश्व के अन्य देशों में खलबली मच गई है. भारत में डंपिंग बढ़ने का खतरा बढ़ गया है. आज भारतीय शेयर बाजार एक लंबे अरसे के बाद पहली बार सुनामी से सिहर उठा है. हालांकि इसकी आशंका काफी समय से की जा रही थी. आज बाजार खुलते ही बीएसई का सेंसेक्स 3000 अंक टूट गया, जबकि निफ्टी 1000 अंक से ज्यादा फिसल कर खुला था.
ट्रंप के टैरिफ का पूरे एशियाई देशों में गहरा असर पड़ा है. शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है. भारतीय शेयर बाजार के लिए पहले से ही कमजोर संकेत मिल रहे थे. एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही थी. हांगकांग का हैंगसेंग 9 प्रतिशत से ज्यादा फिसलकर कारोबार कर रहा था, जबकि जापान का निकेई 8% से ज्यादा टूटकर ट्रेड कर रहा था. आज निफ्टी शुरूआती कारोबार में ही 900 अंकों से ज्यादा फिसल गया था.
केयरएज रेटिंग्स ने भारत को चेतावनी दी है कि अमेरिका की टैरिफ का भारत के कुछ क्षेत्रों में नकारात्मक असर पड़ सकता है. यह विकास को भी प्रभावित कर सकता है. भारत में जो चीज ज्यादा प्रभावित होगी, उसमें रत्न और आभूषण भी शामिल हैं. भारतीय रत्न और आभूषणों पर नकारात्मक असर पड़ने वाला है. हालांकि भारतीय दवाइयों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. दवाइयों को टैरिफ से छूट मिली हुई है.
उपरोक्त के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, सूती वस्त्र, कृषि औजार, रसायन और ऑटोमोबाइल्स सेक्टर पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है. भारत अमेरिका को सबसे अधिक सामान का निर्यात करता है. जबकि आयत बहुत कम है. 2023 24 में भारत ने अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था, जबकि अमेरिका से 42.2 अरब डॉलर का सामान आयात किया गया था.
भारत से अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात होने वाले सामानों में इलेक्ट्रॉनिक, टेक्सटाइल, दवाइयां, रत्न और आभूषण, कृषि उत्पादन, रसायन और ऑटोमोबाइल पार्ट्स शामिल है. अमेरिका भारत से आयात होने वाले सामानों पर औसतन 3.50% का टैरिफ लगाता है. इसे अब बढ़ाकर 26% कर दिया गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति ऐसी है कि उन्हें अमेरिका के अलावा किसी अन्य देश की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने टैरिफ बराबरी पर जोड़ दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका दूसरे देशों की ओर से लगाए गए टैरिफ के बराबर टैरिफ लगाएगा, ताकि कारोबार और व्यापार में बराबरी हो सके. विभिन्न रेटिंग्स एजेंसियां यह मानती है कि अमेरिका के इस कदम से भारत को कुछ क्षेत्रों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
हालांकि राहत की बात है कि अमेरिका ने दूसरे देशों पर जो टैरिफ लगाए है, वे भारत के मुकाबले ज्यादा हैं. अमेरिका ने वियतनाम पर 46%, बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, चीन पर 34% ,ताइवान पर 32% ,इंडोनेशिया पर 32% और पाकिस्तान पर 29% लगाया है. जबकि भारत में 26% है. विषेशज्ञों का मानना है कि अमेरिकी सरकार जिन देशों पर टैरिफ लगा चुकी है, उनकी कंपनियां भारत में अपने उत्पादों की डंपिंग कर सकती हैं.
इसका मतलब यह हुआ कि जो लागत है ,उससे भी कम कीमत पर भारत में बेचा जा सकता है.यह डंपिंग उन देशों से होती है जो भारत के साथ व्यापार में प्रतिस्पर्धा करते हैं. डंपिंग से घरेलू उद्योगों को नुकसान होता है. दरअसल डंपिंग उस पद्धति को कहते हैं जब कोई देश या कंपनी अपने उत्पादों को विदेशी बाजार में घरेलू बाजार की तुलना में कम कीमत पर बेचती है.
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