सिलीगुड़ी समेत देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में घायल अथवा मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले 4 महीने में सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों की जान चली गई. उनमें से कई लोग ऐसे थे, अगर उन्हें समय पर चिकित्सा मिल जाती तो शायद उनकी जान बच सकती थी. परंतु उचित चिकित्सा, पैसे की कमी और सरकारी एजेंसियों के समन्वय में लापरवाही के चलते सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की अक्सर अपेक्षा की जाती है, जिससे उनकी मौत हो जाती है.
पर अब सड़क दुर्घटना में घायल होने पर इलाज के लिए पैसे को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. सड़क दुर्घटना में घायल होने पर घायल के परिजन पीड़ित का इलाज अच्छे से अच्छे अस्पताल में कराना चाहते हैं, जहां उन्हें इलाज के बदले में मोटी रकम चुकाना पड़ता है. बहुत से ऐसे परिवार हैं, जो अकस्मात स्थितियों का सामना करने में असमर्थ रहते हैं. खासकर वित्तीय मामले में. पैसे ना होने पर पीड़ित व्यक्ति का चाह कर भी अच्छे अस्पताल में इलाज नहीं कर पाते हैं. अब ऐसे लोगों की समस्या का समाधान सरकार ने कर दिया है.
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का पहले 7 दिनों तक अस्पताल में इलाज मुफ्त होगा. सरकार अस्पतालों को डेढ़ लाख रुपए तक देगी. यानी आप अस्पताल में भर्ती हो जाइए और पैसे की चिंता से मुक्त हो जाइए. सरकार आपके इलाज का खर्च देगी जो अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक है. इस योजना का नाम कैशलैस ट्रीटमेंट आफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम 2025 है. सरकार ने देश भर में यह योजना प्रभावी ढंग से लागू कर दी है.
हालांकि इस योजना को काफी पहले ही लागू कर दिया जाना था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसका मसौदा भी तैयार कर लिया था. परंतु इस योजना को लागू करने में लगातार टाल मटोल वाली स्थिति उत्पन्न हो रही थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप किया और राजमार्ग मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई. इसके बाद राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा योजना को लागू करने को लेकर एक विज्ञप्ति जारी कर दी गई .अब 5 मई से यह देशभर में प्रभावी हो गई है.
आपको बताते चलें कि इस योजना का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की समय पर चिकित्सा करना है. ताकि उनके प्राणों की रक्षा हो सके. सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मौत की संख्या को कम करने का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फैसला किया था और एक योजना बनाई थी जिसे कैशलैस ट्रीटमेंट ऑफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम 2025 नाम दिया गया है.
भारत में हर साल सड़क हादसों में लाखो लोगों की जानें चली जाती है. वर्ष 2023 में सड़क हादसों में लगभग 1.73 लाख लोग मारे गए थे. इसका मतलब यह है कि हर दिन 474 लोगों की जान सड़क हादसे में चली जाती है. हर 3 मिनट में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 1.68 लाख थी. इन आंकड़ो को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह योजना तैयार की थी.
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि किसी भी सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटना का शिकार होने वाला कोई भी व्यक्ति इस योजना के प्रावधानों के अनुसार कैशलैस ट्रीटमेंट का हकदार होगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, पुलिस, अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी आदि के संबंध में कार्यक्रम के लिए कार्यपालन एजेंसी होगी.
विज्ञप्ति के अनुसार प्रत्येक घायल व्यक्ति दुर्घटना के दिन से अधिकतम 7 दिन तक किसी भी नामित अस्पताल में डेढ़ लाख रुपए तक का कैशलेस उपचार का हकदार है. अगर कोई व्यक्ति अन्य अस्पताल में इस योजना के तहत उपचार कराना चाहता है तो उसे मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा. आखिर में सवाल यह है कि क्या सरकार की इस कोशिश के बाद सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में कमी आएगी?
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